
शिमला, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का आभार व्यक्त किया है, जिसने धर्मशाला निवासी अतुल भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए हिमाचल सरकार पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला धर्मशाला स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय के जदरांगल परिसर के निर्माण से जुड़ा है। शांता कुमार ने शनिवार को बताया कि केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए हिमाचल सरकार से 30 करोड़ रुपये जमा करवाने को कहा था, लेकिन 12 वर्षों के बाद भी राज्य सरकार यह राशि जमा नहीं करवा सकी है। हाई कोर्ट ने तीन बार समय देने के बावजूद सरकार द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत न करने पर यह जुर्माना लगाया।
शांता कुमार ने इस मामले को प्रदेश के लिए शर्मनाक बताया और कहा, पूरे देश में ऐसा कहीं नहीं हुआ होगा कि एक प्रदेश को केंद्रीय विश्वविद्यालय मिला हो और 12 साल बाद भी उसका भवन न बना हो। यह हिमाचल की नालायकी है और एक हिमाचली होने के नाते मैं भी शर्मिंदा हूं।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से अपील की कि अगली सुनवाई से पहले जदरांगल परिसर के लिए 30 करोड़ रुपये की राशि तत्काल जमा करवाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार देहरा परिसर के निर्माण के लिए तो धनराशि उपलब्ध करवा रही है, लेकिन जदरांगल परिसर की लगातार अनदेखी कर रही है, जो अत्यंत अन्यायपूर्ण है।
शांता कुमार ने चेताया कि यदि यह भेदभावपूर्ण रवैया जारी रहा तो यह एक बड़ा पाप बन जाएगा और इससे प्रदेश में आक्रोश और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि यह विषय अब और न बिगड़े, इसलिए समय रहते उचित कदम उठाए जाएं।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
