

भीलवाड़ा, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्र और राज्य सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने जीएसटी के क्रियान्वयन, कन्हैयालाल हत्याकांड में एनआईए की धीमी कार्रवाई, राजस्थान की वर्तमान सरकार की कार्यशैली और देश में बढ़ते चुनावी और वित्तीय संकट पर अपनी चिंता जताई। सोमवार को पत्रकार वार्ता के मौके पर एआईसीसी के सचिव धीरज गुर्जर, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी, नरेंद्र रेगर मौजूद रहे।
गहलोत ने कहा कि जीएसटी की शुरुआत ही गलत तरीके से हुई। उन्होंने बताया कि जीएसटी का प्रारूप यूपीए सरकार के समय तैयार हुआ था, जब प्रणब मुखर्जी केंद्रीय वित्त मंत्री थे और वह खुद भी सरकार में थे। उस समय केवल कम स्लैब पर चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने जीएसटी के कई स्लैब बना दिए। इससे आम जनता और व्यापार जगत में भ्रम और आतंक पैदा हुआ। देश में जीएसटी के नाम पर लोग जेल जा रहे हैं, धमकी दी जा रही है और सौदेबाजी हो रही है। इसने पूरे देश में वित्तीय असुरक्षा का माहौल बना दिया है।
पूर्व सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री से सवाल उठाया कि कन्हैयालाल हत्याकांड में एनआईए की कार्रवाई कब पूरी होगी। गहलोत ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने मृतक कन्हैयालाल के परिवार को 50 लाख रुपये का आर्थिक पैकेज दिया, दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दी और गंभीर रूप से बीमार गवाह का इलाज जयपुर से अनुभवी डॉक्टर द्वारा कराया। उन्होंने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं पर इस हत्याकांड में शामिल होने का आरोप लगाया। गहलोत ने कहा कि एनआईए गवाहों के बयान क्यों नहीं ले रही और भाजपा ने विधानसभा चुनाव में इस हत्याकांड को मुद्दा बनाकर कांग्रेस की हार सुनिश्चित की।
गहलोत ने राजस्थान में हालात को खराब बताते हुए कहा कि वर्तमान सरकार आमजन की सुनवाई नहीं कर रही। उन्होंने कहा, ष्यह पहली बार है जब सरकार बनने के साथ ही धारणा बन गई कि अधिकारी जनता की नहीं सुन रहे हैं। सरकार का नाम मात्र रह गया है।ष् उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से कहा कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ काम करना चाहिए और जनता में सरकार का भरोसा लौटाना चाहिए। गहलोत ने यह भी जोड़ा कि भले यह उनकी बात भजनलाल को बुरी लगे, लेकिन यह उनके हित में है।
पूर्व सीएम ने वसुंधरा राजे के कार्यकाल पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। यदि वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनतीं तो उनके पिछले दोनों कार्यकाल का अनुभव काम आता। फिर भी कमी हुई तो सदन में जमकर अटैक किया गया। गहलोत ने यह स्पष्ट किया कि यह उनकी व्यक्तिगत राय नहीं बल्कि जनता और राजनीतिक अनुभव पर आधारित विश्लेषण है।
गहलोत ने वोट चोरी को देश के लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ईवीएम और इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड के माध्यम से मतदान और धन संचय में असामान्य गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। गहलोत ने कहा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों जब चुनाव आयोग पर आरोप लगाती हैं, तो भाजपा इसका जवाब देती है। आयोग और भाजपा में मिलीभगत दिखाई देती है। इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड ने देशभर में वित्तीय आतंक मचाया, जिसे रिफंड किया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी बातें साध्वी कुमुदलता के चातुर्मास कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से साझा की। इस दौरान उन्होंने न केवल केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की समीक्षा की बल्कि जनता के सामने उनकी चिंता और सुझाव भी रखे। गहलोत की यह टिप्पणी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्तमान जीएसटी नीति, वोटिंग सिस्टम और सरकारी जवाबदेही में सुधार की आवश्यकता है। उनके अनुसार, देश और राजस्थान दोनों ही स्थिर और जवाबदेह सरकार के हकदार हैं। जनता में विश्वास और भरोसा कायम करना हमारी जिम्मेदारी है।
—————
(Udaipur Kiran) / मूलचंद
