
जोधपुर, 26 जून (Udaipur Kiran) । डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलगुरु प्रोफेसर वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति के मार्गदर्शन में एक बहुराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का आगमन हुआ। यह प्रतिनिधिमंडल कृषि वानिकी परियोजना के अंतर्गत आयुर्वेद विश्वविद्यालय के दौरे पर आया, जिसका उद्देश्य पंचकर्म चिकित्सा, औषधीय पौधों, तथा प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की पारंपरिक विशेषज्ञता को समझना एवं वैश्विक सहयोग की संभावनाओं का अन्वेषण करना रहा।
यह प्रतिनिधिमंडल कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर तथा एग्रोफोरेस्ट्री प्रमोशन नेटवर्क स्विट्जऱलैंड के संयुक्त तत्वावधान में चल रही कृषि वानिकी परियोजना के तहत भारत भ्रमण पर है। प्रतिनिधिमंडल तीन जुलाई तक भारत प्रवास के दौरान विभिन्न संस्थानों का भ्रमण कर कृषि वानिकी, औषधीय पौधों, जैविक खेती एवं सतत विकास के सफल मॉडलों का अध्ययन कर रहा है।
कुलगुरु प्रोफ़ेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से वार्तालाप करते हुए कहा कि पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा और कृषि वानिकी का समन्वय वैश्विक स्वास्थ्य और सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हमारा विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय शोध सहयोग के लिए सदैव तत्पर है।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हर्बल गार्डन, पंचकर्म अनुभाग, तथा औषधीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया तथा कुलगुरु से औपचारिक मुलाकात कर भविष्य में संयुक्त शोध परियोजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के वैश्वीकरण पर चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के निदेशक शिक्षा डॉ. प्रदीप पगारिया एवं कृषि वानिकी परियोजना की प्रधान अन्वेषक डॉ. कृष्णा साहरण द्वारा किया गया। प्रतिनिधिमंडल में रोलैंड फ्रुटिग, अध्यक्ष, एग्रोफोरेस्ट्री प्रमोशन नेटवर्क, स्विट्जऱलैंड सहित लकी मुकासा, सलाहकार, एपीएन, युगांडा 15 प्रतिभागियो ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर चंदन सिंह, सह आचार्य डॉ. सौरभ अग्रवाल, सहायक आचार्य डॉ. निकिता सिंह उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / सतीश
