
मीरजापुर, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले में गुरुवार को श्रद्धा और आस्था का अनूठा संगम देखने को मिला, जब महिलाओं ने पुत्र की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ ललही छठ व्रत रखा। सुबह से ही नदी, पोखरों, मंदिरों और जलाशयों के किनारे गड्ढे बनाकर कुश, पलाश, बैर आदि स्थापित किए गए। महुआ का फल-फूल, दही-दूध-घी महुआ के पत्ते पर सजाकर भगवान बलराम को अर्पित किया गया और प्रसाद वितरित किया। पूजन के दौरान बुजुर्ग महिलाओं ने परंपरागत ललही छठ की कथा सुनाकर माहौल को भक्ति रस में सराबोर कर दिया।
मान्यता है कि यह पर्व भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है और माताएं पूरे विधि-विधान से व्रत रखकर उनकी आराधना करती हैं। व्रती महिलाएं प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं और घर के आंगन को गोबर से लीपकर पवित्र चौक बनाती हैं। चौकी पर भगवान बलराम का प्रतीक रखकर विशेष पूजा की जाती है।
परंपरा के अनुसार इस दिन हल से जोते हुए खेत का अनाज वर्जित होता है, इसके स्थान पर तिन्नी (फसही) का चावल, भैंस का दूध-दही और घी का प्रयोग किया जाता है। पूरे दिन उपवास रखकर माताओं के द्वारा संतान की दीर्घायु और खुशहाली की कामना की जाती है। भक्ति और लोक रीति की महक से सजा यह पर्व ग्रामीण अंचलों में सामाजिक सौहार्द और पारंपरिक संस्कृति का जीवंत उदाहरण बनकर मनाया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
