
जयपुर, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गुलाबी नगरी में सड़कों पर सुरक्षा को लेकर जयपुर विकास प्राधिकरण अभिनव प्रयोग करने जा रहा है। जयपुर की सड़कों पर पहली बार जेडीए आरसीसी से बनी रैलिंग लगा रहा है। आरसीसी की रैलिंग लगाने का फिलहाल चैन्नई में ही किया जा रहा है। इस रैलिंग के उपयोग से जेडीए का खर्चा भी बच जाएगा और सड़क हादसा होने की अवस्था में जान माल का नुकसान भी कम होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार यातायात व्यवस्था में आमजन की परेशानी कम करने के लिए तिराहा-चौराहा सुधारीकरण का काम कर रहा है। इसके तहत जेडीए पानीपेच से लेकर झोटवाड़ा पुलिया के बीच डिवाइडर पर आरसीसी की रैलिंग लगा रहा है। 500 मीटर लम्बी इस रैलिंग पर करीब 10 लाख रुपये का खर्चा आएगा, जबकि इतनी ही दूरी में लोहे ही रैलिंग लगाने पर करीब 18 से 20 लाख रुपये का खर्चा आता। खास बात यह है कि आरसीसी की रैलिंग को लगाना और हटाना आसान है और इसमें चोरी होने का डर भी नहीं रहता है। लोहे ही रैलिंग लगने के बाद उसे हटाने के लिए काटना पड़ता है और उसका दुबाना उपयोग होना भी मुश्किल होगा है, जबकि आरसीसी की रैलिंग को लगाना आसान रहता है और जरुरत पडऩे पर हटाकर दूसरे स्थान पर बिना किसी परेशानी से लगाया जा सकता है। इसमें लोहे ही रैलिंग के मुकाबले खर्चा भी कम आता है।
गुडगांव से मंगाया जा रहा प्री कास्ट कंक्रीट फैसिंग
जयपुर में पहली बार उपयोग में की जा रही प्री कास्ट कंक्रीट फैंसिंग गुडगांव में तैयार होती है। आरसीसी रैलिंग को मीडियन, फुटपाथ, चारदीवारी और ब्रिज पर भी लगाया जा सकता है। जेडीए आगामी समय में इस रैलिंग का उपयोग शहर की अन्य सड़कों पर भी करता नजर आएगा। वर्तमान में जेडीए बड़ी संख्या में सेक्टर सड़कों के निर्माण पर काम कर रहा है। ऐसे में मीडियन सहित अन्य जगहों पर जेडीए कम खर्चे पर आरसीसी रैलिंग का उपयोग कर सकता है।
प्रयोग के तौर पर एक स्थान पर लगाई थी रैलिंग
जेडीए ने पानीपेच से झोटवाड़ा के बीच रैलिंग लगाने से पूर्व प्रयोग के तौर पर जेडीए ने एक स्थान पर लगाकर देखा तो यह देखने में सुंदर लगी। इसकी मजबूती को लेकर पहले ही परीक्षण किया जा चुका है। अगर किसी हादसे में यह रैलिंग टूट भी जाती है तो उसे आसानी से बदला जा सकता है। हादसे में रैलिंग से टकराने वाले वाहन को लोहे ही रैलिंग के मुकाबले नुकसान भी कम होगा।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
