




झाबुआ, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले में नारीशक्ति से प्रकृति को शक्ति का प्रेरणादायक नारा प्रेरणादायक बुलंद होता हुआ नजर आने लगा है। इस थीम के अंतर्गत जिले में विभिन्न स्थानों पर महिलाओं की अगुवाई में मातृधरा अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस अभियान में एक तरफ जहां अपने बच्चों के द्वारा पौधारोपण कराया जा कर उन्हें पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी भी सौंपी जा रही है, और स्कूलों में पौधरोपण के साथ चित्रकला सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ महिलाएं फेस पेंटिंग जैसे रचनात्मक माध्यम का उपयोग कर प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही हैं, जो कि कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से समाज को जागरूक करने का एक प्रभावशाली तरीका है।
अभियान के अंतर्गत गुरूवार को जिले के विभिन्न स्थानों में महिलाओं द्वारा अपने बच्चों को साथ लेकर पौधारोपण किया गया, साथ ही चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिला मुख्यालय स्थित पीएमश्री कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं सान्दिपनि विद्यालय में आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्रीमती सुप्रिया बिसेन भी उपस्थिति रहीं। आयोजित कार्यक्रम में छात्र छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लते हुए जहां पौधारोपण किया, वहीं चित्र कला प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिले के रानापुर जनपद क्षेत्र अंतर्गत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय मोरडुण्डिया एवं उत्कृष्ट प्राथमिक विद्यालय खांडियाखाल में छात्र-छात्राओं के लिए मातृधरा अभियान की थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। छात्राओं द्वारा भी मातृधरा अभियान को प्रदर्शित करती सुन्दर पेंटिंग बनायी गयी जो नारी शक्ति से प्रकृति को शक्ति को थीम को प्रदर्शित करती है। इस तरह की पेंटिंग में लोक कला और पारंपरिक प्रतीकों का उपयोग कर स्थानीय संस्कृति के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है।
मातृधरा अभियान के अंतर्गत महिलाओं ने अपने चेहरे पर पेड़, पत्तियां प्राकृतिक तत्वों की पेंटिंग बनाई गई, और इस माध्यम से यह दर्शाया कि प्रकृति हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। फेस पेंटिंग के जरिए प्लास्टिक मुक्त जीवन, जल संरक्षण, वनों की रक्षा जैसे मुद्दों पर लोगों का ध्यान खींचा गया है। फेस पेंटिंग जैसी कलात्मक पहल जब सामाजिक सरोकारों से जुड़ती हैं, तो उनका प्रभाव गहरा और दीर्घकालिक होता है। महिलाओं द्वारा किया गया यह प्रयास न केवल पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज को प्रेरणा भी देता है कि हर व्यक्ति अपने स्तर पर पर्यावरण की रक्षा में योगदान दे सकता है।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा
