
शिमला, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में गुरुवार को भी रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा। आने वाले दिनों में इसके और अधिक भीषण होने की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने 18 जुलाई तक प्रदेश के 9 जिलों चम्बा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, सिरमौर, सोलन, शिमला और मंडी में अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) की आशंका जताई है। इसके साथ ही कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में भारी वर्षा का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने 21 से 23 जुलाई तक प्रदेश के कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। इससे पहले 20 जुलाई को बिलासपुर, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट रहेगा। प्रदेश में 19 जुलाई को भी मौसम खराब रहने का अनुमान है, हालांकि इस दिन के लिए कोई विशेष अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार शाम तक प्रदेश में एक राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 169 सड़कें बंद रहीं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 121 सड़कें प्रभावित हैं। सिरमौर जिले में पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाईवे (एनएच-707) भी अभी अवरुद्ध है। इसके अलावा प्रदेश में 73 बिजली के ट्रांसफार्मर और 64 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं।
प्रदेश में अब तक मानसून से 110 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 35 लापता और 199 घायल हुए हैं। सबसे अधिक नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां 20 की जान गई और 27 लापता हैं। कांगड़ा में 19, कुल्लू में 11, हमीरपुर और चम्बा में 9-9, और सोलन, बिलासपुर व ऊना में 8-8 लोगों की मौत हुई है।
वर्षा से केवल जनहानि ही नहीं, बल्कि भारी वित्तीय नुकसान भी हुआ है। अब तक लगभग 1220 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ, जिसकी 546 करोड़ की संपत्ति प्रभावित हुई है। जलशक्ति विभाग को भी लगभग 434 करोड़ का नुकसान हुआ है।
अब तक प्रदेश में 377 घर और 256 दुकानें पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, जबकि 723 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 915 गौशालाओं के भी टूटने की पुष्टि हुई है। अकेले मंडी जिले में 350 घर, 233 दुकानें और 746 गौशालाएं पूरी तरह नष्ट हुई हैं।
भारी वर्षा से पशुपालन और कृषि को भी बड़ा नुकसान हुआ है। अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1272 अन्य पालतू पशु भी मारे जा चुके हैं। मानसून के दौरान अब तक बादल फटने की 22 घटनाएं, अचानक आई बाढ़ की 32 घटनाएं और भूस्खलन की 19 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं।
मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों से नदियों-नालों के किनारे न जाने, अनावश्यक यात्रा से बचने और मौसम की ताजा चेतावनियों पर नजर रखने की अपील की है, ताकि जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
