श्रीनगर, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जल शक्ति विभाग के मंत्री जावेद अहमद राणा ने आज कहा कि झेलम नदी में बाढ़ से निपटने के लिए सरकार के पास 1632 करोड़ रुपये का मास्टर प्लान पाइपलाइन में है।
विधायक शेख अहसान अहमद द्वारा आज विधानसभा में उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घाटी में बाढ़ शमन उपायों को बढ़ाने के लिए झेलम नदी और उसके बाढ़ रिसाव चौनलों की गहरी सफाई और वहन क्षमता बढ़ाने सहित एक व्यापक बाढ़ शमन योजना पर काम चल रहा है। मंत्री ने कहा कि बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए श्रीनगर में लगभग 15 करोड़ रुपये के बाढ़ सुरक्षा कार्य किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पीएमडीपी चरण-दो के तहत दीर्घकालिक और स्थायी बाढ़ सुरक्षा उपायों के तहत उपरोक्त क्षेत्रों से सटे महत्वपूर्ण स्थानों पर 12.30 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न तट सुरक्षा कार्य किए गए हैं। इसके अलावा अतिप्रवाह के जोखिम को कम करने के लिए 2.49 करोड़ रुपये की लागत से संवेदनशील क्षेत्रों में तटबंधों को ऊँचा किया गया है जिससे क्षेत्र की समग्र बाढ़ प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई है।
मंत्री ने बताया कि लासजन, गंडबल, सोइतेंग, वेठपारा, पादशाही बाग, कुर्सू राजबाग, शिवपोरा, सोनावर, बटवारा, राजबाग, जवाहर नगर और आसपास के इलाकों में लगभग 40,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने पर बाढ़ का खतरा रहता है जिससे नदी के किनारों से पानी का बहाव बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि झेलम नदी के बाएँ किनारे पर स्थित बस्तियाँ अपनी निचली स्थलाकृति के कारण अपेक्षाकृत अधिक संवेदनशील हैं।
उन्होंने कहा कि इन इलाकों में बाढ़ के खतरों को कम करने के अल्पकालिक उपायों के अलावा नदी के तटबंधों के सुरक्षा ऑडिट के दौरान पहचाने गए कमजोर स्थानों की मरम्मत, जैसे कि भरे हुए ईसी बैग बिछाने जैसे अस्थायी सुरक्षा कार्य भी किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त जैसे-जैसे बाढ़ का मौसम नज़दीक आता है संवेदनशील स्थानों पर पहले से भरे हुए ईसी बैग रखकर और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए कर्मचारियों और मशीनरी को तैयार रखकर अग्रिम तैयारी के उपाय किए जाते हैं। ये कार्य जिला प्रशासन, डीएमआरआरआर और अन्य संबंधित विभागों के साथ घनिष्ठ समन्वय में किए जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक उपायों (बाढ़ की पूर्व चेतावनी और बाढ़ के मैदानों का ज़ोनिंग) के माध्यम से बाढ़ के खतरे को कम किया जा सकता है। तनवीर सादिक, जाविद रियाज़ बेदार, हसनैन मसूदी सहित विधायकों द्वारा पूरक प्रश्न उठाए गए।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता