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फिज़ियो मंथन 2025 का तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार से

आईएपी के अध्यक्ष डॉ. संजीव झा, डॉ. पूजा सेठी और

नई दिल्ली, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय फिजियोथेरेपी संघ का महिला प्रकोष्ठ शनिवार से फिज़ियो मंथन 2025 का तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन

का आयोजन करने जा रहा है। 13–14 सितम्बर को कॉस्टियूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित होने वाले सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल करेंगी। इस सम्मेलन का उद्देश्य है निवारक स्वास्थ्य देखभाल के लिए सही शारीरिक मुद्रा और मांशपेशी-कंकाल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। दो दिनों में देशभर से आए विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे। इस अवसर पर “न्यूरो-रीहैबिलिटेशन में फिजियोथेरेपी की भूमिका”

पर एक पुस्तक का विमोचन किया जाएगा जिसमें साक्ष्य-आधारित फिजियोथेरेपी हस्तक्षेपों के बारे में बताया गया है। यह पुस्तक छात्रों, चिकित्सकों एवं नीति-निर्माताओं के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगा।

शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में फिजियोथेरेपी संघ के दिल्ली प्रांत की अध्यक्ष डॉ. पूजा सेठी ने बताया कि इस सम्मेलन के दौरान संगठन की सामाजिक ज़िम्मेदारी और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल मिशन के अंतर्गत, ज़रूरतमंद रोगियों को व्हीलचेयर वितरित की जाएंगी जिससे उनकी गतिशीलता और आत्मनिर्भरता बढ़ सके।

इसके साथ जरूरतमंद महिला फिजियोथेरेपी छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति

भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहली बार फिजियोथेरेपी एवं पुनर्वास पर प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है, जिसमें फिजियोथेरेपी उपचार एवं पुनर्वास के नवीनतम तकनीक और अनुसंधान को प्रदर्शित किया जाएगा।

इसके साथ विशेषज्ञों एवं नीति-निर्माताओं के साथ पैनल चर्चा

के साथ प्रमुख विचारक, नीति-निर्माता, शिक्षाविद एवं चिकित्सक मौजूदा स्वास्थ्य चुनौतियों और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में फिजियोथेरेपी की बदलती भूमिका पर विचार करेंगे।

आईएपी महिला प्रकोष्ठ की प्रमुख डा. रूचि वार्ष्णेय ने बताया कि एशिया वेस्ट पैसिफिक रीजनल फिजियोथेरेपी कॉन्फ्रेंस 2026

की मेजबानी भारत करेगा। यह घोषणा गर्व का विषय है कि भारत को इस प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी के लिए चुना गया है, जो वैश्विक फिजियोथेरेपी समुदाय में इसकी बढ़ती नेतृत्व भूमिका को सुदृढ़ करता है।

भारतीय फिजियोथेरेपिस्ट संघ के अध्यक्ष डा. संजीव झा ने कहा कि भारत में फिजियोथेरेपी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। इस सम्मेलन, व्हीलचेयर अभियान, छात्रवृत्ति और आगामी एशिया वेस्ट पैसिफिक कॉन्फ्रेंस 2026 जैसी पहलों के साथ, हम न केवल देश में इस पेशे को सशक्त बना रहे हैं, बल्कि भारत को वैश्विक फिजियोथेरेपी नेतृत्व की दिशा में भी आगे बढ़ा रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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