
हरिद्वार, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । तेरह वर्षीय बेटी के साथ अश्लील हरकतें व लैंगिक उत्पीड़न करने के मामले में अपर जिला जज एफटीएस सी रमेश सिंह ने आरोपित पिता को पांच वर्ष के कठोर कारावास व डेढ़ लाख रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि कोतवाली सिविल लाइन रुड़की निवासी शिकायतकर्ता महिला ने जनवरी 2021 में आरोपित मुजीबुर्रहमान से दूसरा निकाह किया था। निकाह के बाद शिकायतकर्ता महिला पहले पति से 13 वर्षीय पुत्री व दो छोटे बेटो को दूसरे पति के घर लेकर आई थी। तभी से आरोपित पति बच्चों के साथ दुर्व्यवहार व बेटों की पढ़ाई छुड़वाकर मजदूरी करवाने लगा था। नाबालिग पुत्री के साथ अश्लील हरकतें व लैंगिक उत्पीड़न किया जाने लगा।शिकायतकर्ता महिला के विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। माह दिसंबर 2022 में नाबालिग पुत्री को कमरे में खींचकर दरवाजा बंद कर दिया था, जिसपर शिकायतकर्ता महिला ने किसी तरह से लोगों की मदद से अपनी पुत्री को आरोपित के चंगुल से बचाया था। यही नहीं, शिकायतकर्ता महिला व उसकी नाबालिग पुत्री का घर से निकलना बंद कर दिया था।
शिकायतकर्ता महिला ने किसी तरह वहां से निकल कर अपने मायके जाकर पुलिस को शिकायत की थी। महिला का आरोप था कि एक दिन मुजीबुर्रहमान शिकायतकर्ता महिला, उसकी नाबालिग पुत्री व पुत्र को जबरदस्ती अपने घर ले आया था। कुछ दिनों तक ठीक रहने के बाद आरोपी मुजीबुर्रहमान शिकायतकर्ता महिला की नाबालिग पुत्री से दुर्व्यवहार करने लगा था।
यही नहीं, शिकायतकर्ता महिला के दोनों पुत्रों को अपने पास रखकर मारपीट व डराने धमकाने लगा था। इसके बाद शिकायतकर्ता महिला ने दोबारा पुलिस में लिखित शिकायत की थी। लिखित शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर शिकायतकर्ता महिला ने कोर्ट की शरण ली थी। पीड़ित पक्ष की ओर से पांच, जबकि आरोपी मुजीबुर्रहमान की तरफ से 10 गवाह पेश किए गए।
कोर्ट ने आरोपित मुजीबुर्रहमान को पांच वर्ष की कठोर कैद व डेढ़ लाख रूपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि में से एक लाख 40 हजार रूपये बतौर मुआवजा राशि पीड़िता को अदा करने के आदेश दिए है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुपालन में पीड़िता को 25 हजार रुपये का मुआवजा प्रदान करने के आदेश भी दिए हैं।
(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
