CRIME

जींद में म्यांमार से बंधक मुक्त पांच युवक लौटे

साइबर थाना।

-एजेंटों ने फिरौती मांगी, 7 के खिलाफ धोखाधड़ी सहित मामले दर्ज

जींद, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । विदेश में रोजगार का लालच देकर म्यांमार भेजे गए पांच युवकों को बंधक बनाकर गैरकानूनी कार्य करवाने एवं फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। युवकों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया, जिसके हस्तक्षेप से म्यांमार आर्मी ने उन्हें मुक्त कराया। डिपोर्ट होकर लौटे युवकों की शिकायत पर पुलिस ने सात एजेंटों के विरुद्ध धोखाधड़ी, फिरौती, बंधक बनाने एवं इमीग्रेशन एक्ट सहित भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में मामले दर्ज किए हैं।म्यांमार से पैतृक गांव नगूरां लौटे दीपक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका संपर्क गत जून माह में दिल्ली में विदेश भेजने का कार्यालय चलाने वाले कृष्ण से हुई। जिसने विदेश में रोजगार दिलाने की बात कही। सब कुछ तय होने के बाद उससे साठ हजार रुपये लेकर थाईलैंड भेज दिया। जिसके बाद उन्हें म्यांमार में जा कर बंधक बना लिया गया और एजेंट द्वारा परिजनों से चार लाख की फिरौती मांगी गई। राशि न देने पर उसे बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी गई।

अलेवा थाना पुलिस ने दीपक की शिकायत पर कृष्ण के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज किया है। इसी तरह की शिकायत गांव जामनी निवासी नवीन, अमरहेडी रोड निवासी अमित, जींद के एसडी स्कूल के निकट रहने वाले चेतन, गांव रोझला निवासी सुमित ने भी दी है।

सुमित ने बताया कि म्यांमार में उसे बंधक बना कर रखा गया। जहां पर उससे सात लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। किसी तरह वह विदेश मंत्रालय से संपर्क करने में कामयाब हुआ और वहां की आर्मी ने उसे मुक्त करा कर देश भेजा।

शनिवार को जानकारी देते हुए साइबर थाना के जांच अधिकारी जगदीप सिंह ने बताया कि आरोपित युवकों को रोजगार के नाम पर विदेश ले गए थे। फिर अवैध तरीके से दूसरे देश ले गए। विदेश मंत्रालय के हस्ताक्षेप से युवकों को वापस भारत लाया गया। मामले की जांच की जा रही है।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा