Uttar Pradesh

ट्रिपल आईटी में क्वांटम युग पर पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ

कार्यशाला

प्रयागराज, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । विज्ञान और प्रौद्योगिकी की तेजी से बदलती दुनिया में जब हम भविष्य की ओर देखते हैं, तो क्वांटम तकनीक एक ऐसे सूर्य की तरह उभर रही है, जिसकी किरणें आने वाले समय के संचार, सुरक्षा और कम्प्यूटिंग के हर पहलू को प्रकाशित करेंगी। इसी भविष्य को समझने और आकार देने के उद्देश्य से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (ट्रिपल आईटी) में पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ शुक्रवार काे हुआ।

यह कार्यशाला झलवा परिसर में ट्रिपल आईटी के एप्लाइड विज्ञान विभाग द्वारा देश के अग्रणी अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इसमें क्वांटम भौतिक विज्ञानी और तकनीकी विशेषज्ञ प्रतिभागियों को क्वांटम ब्रह्मांड की जटिलताओं से परिचित करवा रहे हैं।

ट्रिपल आईटी के मीडिया प्रभारी डॉ. पंकज मिश्र ने बताया कि उद्घाटन सत्र में प्रो. शेखर वर्मा, डीन (विशेष विकास) ने कहा कि क्वांटम प्रौद्योगिकियाँ ठीक वैसी ही क्रांति लाएंगी, जैसी कभी सिलिकॉन चिप्स ने लाई थी। उन्होंने कम्प्यूटिंग, मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में क्वांटम का योगदान रेखांकित करते हुए संस्थान की अनुसंधान प्रतिबद्धता को दोहराया।

सी-डैक पुणे के अमित सक्सेना ने एचपीसी और क्वांटम तकनीकों के संयोग की व्याख्या की, जिसे उन्होंने ‘कम्प्यूटिंग की दो तेज धार वाली तलवारों का मिलन’ बताया। डॉ. प्रमोद कुमार ने टोपोलॉजिकल क्वांटम पदार्थों के बारे में बताया, जो सामान्य पदार्थों की तुलना में ‘क्वांटम की दुनिया के एलियन’ जैसे हैं। डॉ. सृजित भट्टाचार्य ने क्वांटम मापन और विसंयोजन को समझाया। उन्होंने उसे एक ऐसी प्रक्रिया बताया कि मानो बिना छुए किसी जलतरंग को बजाने की कला हो। डॉ. उपेंद्र कुमार ने क्वांटम गेट्स को ‘क्वांटम कम्प्यूटर के अक्षर’ कहा, जिनसे शब्द (एल्गोरिद्म) बनाए जाते हैं।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. मंदार सुभाष कार्यकार्ते ने उम्मीद जताई कि यह कार्यशाला अंतः विषय सहयोग को गति देगी और भविष्य के अनुसंधान की नींव रखेगी। डॉ. मनप्रीत सिंह ने अतिशीत परमाणुओं पर व्याख्यान दिया। जो उन्होंने ‘क्वांटम की प्रयोगशाला में जमी हुई बूंदें’ कहा, जिनके माध्यम से हम जटिल क्वांटम प्रक्रियाओं को समझ सकते हैं। समापन व्याख्यान में डॉ. साई विंजनमप्थी ने क्वांटम ऑपरेटरों की मूल बातें समझाई।

यह कार्यशाला क्वांटम एल्गोरिथम, संचार प्रोटोकॉल, उलझाव, क्रिप्टोग्राफी और हार्डवेयर के आधुनिक प्रयोगों से संबंधित है। पाँच दिन तक चलने वाले इस ज्ञान महोत्सव में व्याख्यान, ट्यूटोरियल और पैनल चर्चा के ज़रिए प्रतिभागियों को समग्र शैक्षणिक अनुभव प्रदान किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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