
केजीबीवी वार्डन में नेतृत्व क्षमता, नवाचार और बालिका शिक्षा में सुधार के लिए 30 मास्टर ट्रेनर्स वार्डन को देंगे प्रशिक्षण
शिक्षा की गुणवत्ता और बालिकाओं के समग्र विकास को बढ़ावा देने को केंद्र और एनआईईपीए की ओर से लगाया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम
लखनऊ, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । बालिका शिक्षा को और अधिक सशक्त बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (एनआईईपीए) ने प्रदेश में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में ‘केजीबीवी वार्डेन्स के सशक्तीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम’ का शुभारंभ सोमवार को लखनऊ के दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्रामीण विकास संस्थान, बी.के.टी. में किया गया। यह प्रशिक्षण 15 से 19 सितम्बर तक पांच दिनों तक चलेगा, जिसमें प्रदेश भर से चयनित 30 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसमें जिला समन्वयक बालिका शिक्षा और जेण्डर कार्यक्रम के मास्टर ट्रेनर्स भी शामिल हैं।
कार्यक्रम का आयोजन एनआईईपीए और केंद्र सरकार की पहल पर किया जा रहा है। एनआईईपीए प्रशिक्षण की रूपरेखा, मॉड्यूल और गुणवत्ता सुनिश्चित कर रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने पहले दिन प्रशिक्षणार्थियों का मार्गदर्शन भी किया।
पहले दिन इस विधा में प्रशिक्षित हुई शिक्षिकाएं
पहले दिन विशेषज्ञों क्रमशः डिप्टी सेक्रटरी, शिक्षा मंत्रालय सुधा मीणा, वाइस चांसलर एनआईईपीए प्रो. शशिकला वंजारी तथा डॉ. सांत्वना मिश्रा एवं उनकी टीम ने प्रशिक्षणार्थियों को नेतृत्व क्षमता, नवाचार, विद्यालय प्रबंधन और बालिकाओं के लिए सुरक्षित एवं प्रेरणादायी वातावरण निर्माण से जुड़े विषयों पर मार्गदर्शन दिया। इस दौरान मार्गदर्शन करने वाले अधिकारियों और टीम के सदस्यों ने प्रशिक्षण लेने आए मास्टर ट्रेनर्स से उनकी आगे के दायित्व को ठीक से निर्वहन करने की अपेक्षा की।
स्कूल शिक्षा की महानिदेशक कंचन वर्मा ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम और विशेष हैंडबुक के माध्यम से एनआईईपीए और केंद्र सरकार केजीबीवी वार्डेन्स को व्यावहारिक कौशल और नवाचार के उपकरण प्रदान कर रहे हैं। प्रशिक्षित वार्डेन्स अब जिले और स्कूल स्तर पर अन्य सहकर्मियों को भी मार्गदर्शन देंगे, जिससे बालिकाओं के लिए एक समावेशी, सुरक्षित और प्रेरणादायी शिक्षा वातावरण सुनिश्चित होगा। आगामी दिनों में प्रशिक्षण के अंतर्गत बालिका शिक्षा सशक्तीकरण, सामुदायिक भागीदारी, नवीन शैक्षिक तकनीक, समस्या समाधान कौशल और शिक्षा की गुणवत्ता सुधार पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स आगे जिलास्तर पर अन्य वार्डेन्स को प्रशिक्षित करेंगे।
विशेष हैंडबुक बता रही हर दिन की भूमिका और जिम्मेदारी
केजीबीवी की वार्डेंस के पेशेवर विकास और क्षमता निर्माण को सशक्त बनाने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण हैंडबुक भी प्रदान की गई है। यह हैंडबुक पांच दिवसीय प्रशिक्षण मॉड्यूल के अनुरूप तैयार की गई है, जिसमें प्रत्येक दिन वार्डेंस की भूमिका और जिम्मेदारियों के लिए महत्वपूर्ण विषय जैसे नेतृत्व, प्रबंधन, वित्तीय प्रबंधन, स्वास्थ्य-सुरक्षा, सामाजिक-भावनात्मक विकास और लिंग संवेदनशीलता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हैंडबुक में चार सत्रों में विभाजित गतिविधियां शामिल हैं, जो वार्डेंस को सहभागिता, चिंतन और व्यावहारिक कौशल के माध्यम से किशोर लड़कियों के लिए सुरक्षित और सशक्त वातावरण तैयार करने में सक्षम बनाएंगी।
डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि केजीबीवी वार्डेन्स के प्रशिक्षण से न केवल उनकी नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी, बल्कि यह सीधे बालिकाओं के समग्र विकास और सुरक्षित सीखने के वातावरण को भी सुनिश्चित करेगा। एनआईईपीए और केंद्र सरकार के मार्गदर्शन से यह कदम शिक्षा के मानक और गुणवत्ता को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा
