शिमला, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश सरकार अब चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट की शादी का खर्च भी वहन कर रही है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत अभिभावक विहीन बच्चों को शादी के लिए दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है। इस राशि में से साठ हजार रुपये एफडी के रूप में सुरक्षित रखे जाते हैं, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर बच्चे उसका लाभ उठा सकें। जिला शिमला में इस वित्तीय वर्ष में अब तक पांच बच्चों को यह सहायता दी जा चुकी है, जबकि प्रदेश भर में कुल 227 लाभार्थियों को इस योजना का फायदा मिला है।
जुब्बल खंड के कोठी गांव डाकघर हिमरी की रहने वाली विभूति मस्ताना के माता-पिता का कुछ समय पहले निधन हो गया था। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने आवेदन किया। शादी से पहले उन्हें हर माह चार हजार रुपये की सहायता मिल रही थी। विवाह तय होने पर विभूति ने शादी के खर्च के लिए आवेदन किया और योजना के तहत उन्हें दो लाख रुपये की सहायता मिली। विभूति का कहना है कि माता-पिता के बिना जीवन की चुनौतियां बहुत कठिन होती हैं, लेकिन मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना ने उनका सहारा बनकर चिंता दूर कर दी है। उन्होंने कहा कि इस योजना से न सिर्फ उनकी शादी का खर्च पूरा हुआ बल्कि भविष्य के लिए 60 हजार रुपये की एफडी भी सुरक्षित हो गई है।
इसी तरह शिमला ग्रामीण की पूजा ठाकुर के माता-पिता का भी बचपन में ही निधन हो गया था। चाची ने उनका पालन-पोषण किया। योजना की जानकारी मिलने के बाद पूजा ने आवेदन किया और हर माह चार हजार रुपये की सहायता मिलने लगी। जमा दो तक पढ़ाई पूरी करने के बाद जब उनका विवाह खेम चंद से तय हुआ तो उन्हें भी योजना के तहत दो लाख रुपये की राशि मिली। पूजा का कहना है कि अगर सरकार की योजना नहीं होती तो शादी का खर्च उठाना बेहद मुश्किल हो जाता और कर्ज का सहारा लेना पड़ता।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को सुक्खू सरकार ने वर्ष 2023 में शुरू किया था। इसके तहत अब तक प्रदेश में 4100 से अधिक बच्चों को गोद लिया गया है। योजना में अनाथ, अर्ध-अनाथ, विशेष रूप से सक्षम, निराश्रित महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। बच्चों को 14 वर्ष की आयु तक एक हजार रुपये प्रतिमाह, 18 वर्ष तक ढाई हजार रुपये और 27 वर्ष तक चार हजार रुपये पॉकेट मनी मिलती है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा, पीजी खर्च, पढ़ाई, स्टार्ट-अप, घर बनाने और विवाह तक के लिए भी आर्थिक सहायता का प्रावधान है।
उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना प्रदेश सरकार की सबसे अहम योजनाओं में से एक है। जिन बच्चों के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनके माता-पिता प्रदेश सरकार है। उनकी शिक्षा, रहन-सहन, घर और विवाह का खर्च सरकार 27 वर्ष की आयु तक चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के तौर पर वहन कर रही है। जिला शिमला में अब तक पांच बच्चों को शादी के लिए दो-दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
