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फिच ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 फीसदी किया

जीडीपी के लोगो का प्रतीकात्‍मक चित्र

नई दिल्‍ली, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। इससे पहले फिच ने 6.5 फीसदी की दर से भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने का अनुमान जताया था।

फिच ने सितंबर के लिए जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (जीईओ) में अप्रैल-जून तिमाही के जीडीपी परिणाम (7.8 फीसदी की वृद्धि) को देखते हुए मजबूत वृद्धि और घरेलू मांग के चलते 31 मार्च, 2026 को समाप्‍त होने वाले चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने पूर्वानुमान को 6.5 फीसदी से संशोधित कर 6.9 फीसदी कर दिया है। यह जून, जीईओ में 6.7 फीसदी के पूर्वानुमान से काफी ज्‍यादा है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 की मार्च और जून तिमाहियों के बीच आर्थिक गतिविधियों में तेजी से वृद्धि हुई है। वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही के 7.4 फीसदी से बढ़कर सालाना आधार पर 7.8 फीसदी हो गई है। फिच ने कहा कि अप्रैल-जून के नतीजों के आधार पर चालू वित्त वर्ष के लिए जारी जीडीपी दर अनुमान को संशोधित करके 6.9 फीसदी किया गया है।

फिच रेटिंग्‍स ने कहा कि घरेलू मांग वृद्धि को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाएगी, क्योंकि मजबूत वास्तविक आय गतिशीलता उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देती है और कमजोर वित्तीय स्थिति की भरपाई निवेश से होगी। फिच ने अनुमान जताया है कि दूसरी छमाही में वार्षिक वृद्धि धीमी रहेगी। इसलिए अगले वित्त वर्ष 2026-27 में आर्थिक वृद्धि दर धीमी होकर 6.3 फीसदी रह जाएगी। वित्त वर्ष 2027-28 में यह दर घटकर 6.2 फीसदी रह जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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