Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में नवीन आपराधिक कानून के तहत पहली फांसी की सजा

पुलिस द्वारा दी गई आरोपित नंदू की तस्वीर

– खंडवा न्यायालय ने जादू-टोने की शंका में कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर नृशंस हत्या करने वाले आरोपित को सुनाई फांसी की सजा

भोपाल, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश में नवीन भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत पहली बार फांसी की सजा सुनाई गई है। खंडवा के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी की न्यायालय ने आरोपित चंपालाल उर्फ नंदू (उम्र 23 वर्ष) पुत्र जालम मेहर निवासी ग्राम छनेरा, थाना पंधाना, जिला खंडवा को धारा 103(1) भारतीय न्याय संहिता के तहत फांसी की सजा से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार पटेल द्वारा की गई तथा प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक रामप्रकाश यादव, चौकी प्रभारी बोरगांव, थाना पंधाना द्वारा की गई।

पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी आशीष शर्मा ने रविवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 12 दिसम्बर 2024 की रात ग्राम छनेरा में जादू-टोने की शंका को लेकर चंपालाल ने अपने पड़ोसी रामनाथ बिलोटिया की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर नृशंस हत्या कर दी थी। मृतक की पत्नी शांतिबाई बिलोटिया की रिपोर्ट पर थाना पंधाना में अपराध क्रमांक 457/24 अंतर्गत धारा 103(1) भारतीय न्याय संहिता के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। घटना की सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी उप निरीक्षक रामप्रकाश यादव तत्काल दल-बल सहित स्थल पर पहुंचे और योजनाबद्ध तरीके से आरोपित को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी बरामद की।

विवेचना के दौरान मृतक का सिर एवं धड़ अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए। डीएनए परीक्षण में आरोपित के कपड़ों और बरामद कुल्हाड़ी पर मृतक के खून के निशान पाए जाने की पुष्टि हुई, जिसे न्यायालय ने सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया। वैज्ञानिक साक्ष्यों और त्वरित विवेचना के आधार पर यह प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय एवं उप पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह चौहान के निर्देशन तथा पंधाना थाना प्रभारी निरीक्षक दिलीप देवड़ा के मार्गदर्शन में की गई इस विवेचना को न्यायालय ने सटीक, वैज्ञानिक और प्रभावशाली माना। वैज्ञानिक साक्ष्यों, डीएनए रिपोर्ट और विवेचनाधिकारी की तत्परता के कारण न्यायालय ने आरोपित को फांसी की सजा सुनाई है।

खंडवा पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसे चिन्हित अपराध की श्रेणी में रखा गया था और सतत मॉनिटरिंग की जा रही थी। उत्कृष्ट और त्वरित विवेचना के लिए पुलिस अधीक्षक ने विवेचनाधिकारी उप निरीक्षक रामप्रकाश यादव को नगद पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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