
कोटा में दो ईसाई मिशनरी पर आत्मिक सत्संग के बहाने उकसाने का आरोप
कोटा, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत कोटा में पहली एफआईआर दर्ज कराई गई है। कोटा में दो ईसाई मिशनरी पर धर्मांतरण करवाने के लिये उकसाने का आरोप लगाया गया है। बोरखेडा पुलिस थाने में गुरूवार रात विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल द्वारा दो चर्च के पादरियों के खिलाफ नये कानून के तहत पहला केस दर्ज कराया है।
पुलिस थानाधिकारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि इस मामले में ईसाई मिशनरी नई दिल्ली निवासी चंडी वर्गीश एवं कोटा निवासी अरूण जॉन को डिटेन किया गया है। दो ईसाई मिशनरी ने 4 से 6 नवंबर का कैनाल रोड स्थित बीरशेबा चर्च में ‘आत्मिक सत्संग’ आयोजित कर लोगों को इकट्ठा कर उनको धर्मांतरण के लिये उकसाने का प्रयास किया गया। इस सत्संग के विडियो व लाइव शॉट पुलिस को मिले हैं।
बजरंग दल के प्रांत संयोजक योगेश रेनवाल ने आरोप लगाया कि पादरी चंडी वर्गेश विडिया में बोल रहे हैं कि राजस्थान में ईसाई धर्म बढ़ रहा है। यहां के लोग पापों के बंधन से मुक्त हो जायेंगें राजस्थान में शैतान का राज है, जिसे हटाकर यहां मसीहत लागू कर यीशु ईसाई राज आयेगा। इस कथित सत्संग में शामिल कुछ हिंदू युवकों ने मंच पर कहा कि हमने ईसाईयत में धर्मांतरण की प्रक्रया मान ली है। हम ईसाई बन गये हैं। हमारे उपर ईशु की कृपा हुई है।
पुलिस ने कहा कि इस मामले में बीएनएस-299 के तहत धार्मिक भावनाओं को आहत करने और राजस्थान विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2025 की धारा-3 एवं 5 में प्रकरण दर्ज किया गया है। इस संवेदनशील प्रकरण में पुलिस सोशल मीडिया कटेंट, सत्संग से जुडे़ लोगों व इसमें मौजूद हिंदू लोगों से पूछताछ करेगी।
राजस्थान में नया धर्मांतरण कानून लागू
राजस्थान के गृह मंत्रालय ने 29 अक्टूबर,2025 को नया धर्मांतरण कानून की अधिसूचना जारी की थी। नये कानून के अनुसार, धर्म परिवर्तन से जुडे़ मामलों में जमानत नहीं दी जायेगी। इसमें अलग-अलग श्रेणियों में सजा का प्रावधान किया गया है। लव जिहाद जैसे मामलों मं 20 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द