रामबन, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । एडवोकेट फ़िरोज़ खान – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पिछड़ा क्षेत्र के निवासियों (आरबीए) के कोटे को समाप्त करने के प्रस्ताव पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे चिनाब क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर के अन्य दूरदराज के इलाकों के लोगों के साथ घोर अन्याय बताया। रामबन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, खान ने कहा कि इस कदम के खिलाफ लोगों को एक लंबा और दृढ़ संघर्ष करना होगा।
खान ने कहा आरबीए कोटा कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि दशकों की उपेक्षा के बाद अर्जित एक अधिकार है। यह भौगोलिक और आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के उत्थान के लिए एक सुधारात्मक उपाय था। इसे अभी समाप्त करके, सरकार हमारे युवाओं से शिक्षा और रोज़गार की सीढ़ी उस समय छीन रही है जब वे चढ़ने ही वाले थे। यह उनके सम्मान और उनके भविष्य पर सीधा हमला है।
खान ने याद दिलाया कि आरबीए कोटा जो कभी 20 प्रतिशत था पहले ही घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था और अब इसे पूरी तरह से समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने दृढ़ता से कहा इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। चिनाब क्षेत्र—जिसमें रामबन, डोडा, किश्तवाड़ और रियासी शामिल हैं—केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश के कुछ अन्य क्षेत्रों में सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है। इसके युवाओं, छात्रों और परिवारों को शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस कोटे को हटाने का कोई भी कदम उन लोगों के साथ विश्वासघात है जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता