
दुर्ग, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दुर्ग जिले में सरकारी नौकरी का झांसा देकर 200 से अधिक लड़कियों को बंधक बनाकर काम करवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कंपनी में लड़कियों को मार्केटिंग का काम दिया जाता था, लेकिन सैलरी नहीं दी जाती थी। इसके अलावा, सोशल मीडिया के जरिए लड़कों को फंसाने और उन्हें कंपनी में बुलाने का दबाव बनाया जाता था।
मामला पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र का है। कंपनी का नाम गुडवे फैशन प्राइवेट लिमिटेड है, जो कॉस्मेटिक और कपड़ों का मार्केटिंग करती है। बोरसी के कदम प्लाजा में अलग-अलग जिलों से करीब 150-200 लड़कियों को बंधक बनाया गया था। सभी लड़कियां एक-दूसरे के जरिए कंपनी में आई थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़िताओं का आरोप है कि, उन्हें 25-30 हजार रुपये सैलरी वाली नौकरी का झांसा देकर बुलाया गया और उसके बाद उन्हें बंधक बनाया गया। मोबाइल छीने गए और घरवालों से बात करने की अनुमति नहीं दी गई। आधी रात को लड़कों को सोशल मीडिया पर फंसाने का दबाव बनाया जाता था। इस प्रताड़ना से तंग आकर भानुप्रतापपुर की एक लड़की आत्महत्या करने जा रही थी, लेकिन बाकी लड़कियों ने उसे रोका। कहा जाता था फॅमिली को बात बताई तो वो कहेंगे की तुम लड़के बाजी कर रहे हो।
भानुप्रतापपुर की लड़की ने अपने माता-पिता को जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने कांकेर के आरएसएस कार्यकर्ता रवींद्र जैन को सूचना दी। वहीं, दुर्ग के बजरंग दल के प्रांत संयोजक रतन यादव को भी इस बात की जानकारी पहुंची। विजयादशमी के दिन माता-पिता अपनी बेटी और चार अन्य लड़कियों को लेकर दुर्ग पहुंचे और रतन यादव के पास पूरी घटना बताई।
इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता 3 अक्टूबर को कंपनी पहुंचे और हंगामा किया। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। जिनके नाम रामभरोष साहू, सत्यम पटेल, साहिल कश्यप, सौरभ चौधरी, राहुल सौंधिया, वेदप्रकाश शास्त्री और साधना पटेल हैं।
एक पीड़िता ने बताया कि, कंपनी में सीनियर ने भरोसा दिलाया था कि पढ़ाई-लिखाई की जरूरत नहीं है, केवल काम से भविष्य बनेगा। लेकिन ट्रेनिंग शुरू होते ही उनका माइंडसेट बदलने का दबाव बनाया गया। पांचवें दिन इंटरव्यू (अप्रूवल) के नाम पर नए लड़कों को भर्ती कराने और सोशल मीडिया पर फंसाने का दबाव डाला गया।
एक अन्य पीड़िता ने बताया कि, कंपनी ने 3000 रुपये ट्रेनिंग फीस मांगी और बाद में 46,000 रुपये जमा करने का दबाव डाला। घर वालों को झूठ बोलने के लिए कहा गया कि सरकारी नौकरी मिली है। लड़कियों की निगरानी 24 घंटे रहती थी। वॉशरूम या सोने तक पर नजर रखी जाती थी। खाना भी समय पर नहीं दिया जाता था। सुबह और रात को सिर्फ थोड़ी मात्रा में खाना मिलता था।
एक पीड़िता ने कहा कि, कंपनी में पढ़ाई या जॉब जैसी कोई चीज नहीं है। सबको केवल और लोगों को लाकर फंसाने और पैसे की चेन बनाने का काम कराया जाता था।
बजरंग दल की कार्रवाई- बजरंग दल के रतन यादव, रवि निगम और ज्योति शर्मा ने बताया कि, पांच पीड़ित लड़कियां उनकी मदद के लिए आई थीं। उन्होंने कहा कि, बोरसी के कदम प्लाजा में गुडवे फैशन प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस में 100-150 लड़के और लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया था। इनमें अधिकतर वनांचल और दूसरे प्रदेशों के लोग थे।
लड़कियों को सरकारी नौकरी का झांसा देकर लाया गया, घरवालों से बात नहीं करने दी जाती थी, रात 2 बजे तक लड़कों से सोशल मीडिया पर बातचीत करने का दबाव बनाया जाता था। कंपनी की मांग थी कि तभी छोड़ा जाएगा जब वो और लड़कियों को लाकर कंपनी में भर्ती करवाएंगे।
धमतरी की एक पीड़िता के पिता ने बताया कि, बेटी को नौकरी का झांसा देकर 47,000 रुपये जमा करवाए गए, जिसमें ट्रेनिंग फीस और अन्य झूठे लाइसेंस/नॉमिनी चार्ज शामिल थे। सात महीने से पेमेंट नहीं मिला और कंपनी ने लगातार दबाव बनाया।
दुर्ग सीएसपी हर्षित मेहर ने बताया कि, पद्मनाभपुर पुलिस को लिखित शिकायत मिली। शुरुआती जांच में सामने आया कि कंपनी युवाओं से 20,000 रुपये से अधिक की रकम वसूलती थी और नए लोगों को जोड़ने का दबाव डालती थी। 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
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(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर
