
प्रयागराज, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2025 में ओवर ऐज हुए अभ्यर्थियों के मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 29 अक्टूबर की तारीख लगाई है। साथ ही इस मामले में पहले से दाखिल याचिका को भी साथ लगाने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने मनोज कुमार सिंह व 13 अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के निर्णय के लिए आवश्यक प्रासंगिक अभिकथन नहीं रखे गए हैं, फिर भी यह देखते हुए कि इसी तरह की पूर्व में दाखिल एक अन्य याचिका 19 नवम्बर को सूचीबद्ध है और इस मामले का निर्णय करने की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए इसे उस याचिका के साथ 29 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को इस मामले में पहले से लम्बित याचिका के याची को पंजीकृत डाक से सूचित करने का निर्देश दिया ताकि वह अगली सुनवाई पर उपस्थित हो सकें। अधिवक्ता संजय कुमार यादव ने कोर्ट को बताया कि देश भर की युनिवर्सिटी व डिग्री कॉलेज के अध्यापक व अन्य एकेडमिक स्टॉफ की नियुक्ति यूजीसी रेगुलेशन 2018 द्वारा होती है। यूजीसी रेगुलेशन की अधिसूचना में आयु सीमा की कोई बाध्यता नहीं की गई है।
इसके बाद भी लोक सेवा आयोग असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का जो विज्ञापन जारी किया जाता है उसमें आयु सीमा 21 से 40 वर्ष निर्धारित की है, जो अवैधानिक है। उनका कहना था कि शासकीय डिग्री कॉलेज में आयु सीमा 21 से 40 वर्ष निर्धारित है लेकिन अशासकीय डिग्री कॉलेज में अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष निर्धारित की गई है। यूनिवर्सिटी में भी जो सहायक प्रोफेसर की भर्ती होती है उसमें भी आयु सीमा 62 वर्ष निर्धारित की गई है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
