West Bengal

मंदारमणि में शूटिंग के दौरान फिल्म निर्देशक का बंदूक की नोंक पर अपहरण, समुद्र तट पर मचा हड़कंप

कोलकाता, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । मंदारमणि के लाल काकड़ा बीच पर म्यूजिक वीडियो की शूटिंग कर रहे निर्देशक श्रीकांत उर्फ प्रिंस का गुरुवार शाम चार हथियारबंद बदमाशों ने बंदूक की नोंक पर अपहरण कर लिया। शुक्रवार दोपहर तक उनका कोई पता नहीं चल पाया है।

जानकारी के अनुसार, निर्देशक श्रीकांत उर्फ प्रिंस अपनी 17 सदस्यीय टीम के साथ तीन दिन पहले ही कोलकाता से मंदारमणि पहुंचे थे। वे एक म्यूजिक वीडियो की शूटिंग कर रहे थे। गुरुवार की शाम लाल काकड़ा नामक बीच पर जब शूटिंग चल रही थी, तभी चार बदमाश एक निजी कार में वहां पहुंचे और निर्देशक पर हमला बोल दिया।

प्रत्यक्षदर्शी शंकर मंडल ने शुक्रवार को बताया, मैंने बाहर शोरगुल सुना और दुकान से बाहर निकला तो देखा कि कुछ लोग निर्देशक को जबरन कार में बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। वह लगातार खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन सफल नहीं हो सके। दो बदमाशों के हाथ में बंदूक थी।

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो हमलावरों ने निर्देशक के सिर पर बंदूक तानी और धमकाते हुए उसे जबरन कार में बैठाकर फरार हो गए। यह पूरी घटना इतनी तेजी से हुई कि शूटिंग टीम और आसपास के लोग कुछ समझ ही नहीं सके।

इस रहस्यमयी अपहरण के पीछे की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस को अभी तक कोई फिरौती की मांग या धमकी भरा संदेश नहीं मिला है। मंदारमणि थाने की पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और समुद्र तट के आस-पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। स्थानीय पुलिस के अलावा पूर्व मेदिनीपुर जिला पुलिस की एक विशेष टीम भी जांच में जुटी है।

बताया जा रहा है कि श्रीकांत को शुक्रवार को शूटिंग खत्म कर कोलकाता लौटना था। लेकिन उससे एक दिन पहले ही यह सनसनीखेज घटना हो गई। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस घटना के पीछे कोई पेशेवर रंजिश है या फिर अपहरणकर्ताओं की मंशा कुछ और थी।

अब तक निर्देशक श्रीकांत उर्फ प्रिंस का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। घटना के बाद म्यूजिक वीडियो की शूटिंग रद्द कर दी गई है और पूरी टीम को वापस बुला लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम मेदिनीपुर के समुद्र तटीय इलाकों में हाल के दिनों में गंभीर अपराधों की कई घटनाएं सामने आई हैं। एक महीने पहले ही एक राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के पत्रकार और उसके परिवार के साथ भी इसी तरह से भीषण मारपीट और लूटपाट की घटना हुई थी। उस मामले में तो दीघा थाने ने शिकायत तक दर्ज नहीं की थी, जिसकी वजह से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए थे।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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