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नाबालिग के यौन शोषण मामले में पिता की जमानत रद्द

Delhi High Court (File photo)

नई दिल्ली, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । उच्च न्यायालय ने अपनी 16 साल की बेटी का यौन शौषण करने के आरोपित को मिली जमानत को निरस्त कर दिया। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने आरोपित पिता और उसके जमानती के बेल बांड को निरस्त करते हुए एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि इससे बुरी बात कुछ नहीं हो सकती है कि कोई बच्ची उस व्यक्ति का शिकार बने जिसने उसे जन्म दिया और जिस पर उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हो। सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि उसका कौमार्य शुरु होते ही उसके पिता ने उसका यौन शोषण करने लगे। कई वर्षों तक उन्होंने उसे गलत तरीके से छुआ और पोर्नोग्राफिक कंटेंट देखने पर मजबूर किया। पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि जब भी उसने इसका विरोध किया उसके पिता उसके सामने उसकी मां को पीटते थे। ऐसा कर वे उसके अंदर डर बैठाना चाहते थे।

पीड़िता ने बताया कि जून 2020 में उसके पिता ने उसका यौन शोषण तब किया जब उसे माहवारी आयी हुई थी। उसी रात उसने पाया कि उसके पिता ने उसकी मां के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। उसके अगले दिन पीड़िता और उसकी मां ने घर छोड़ दिया। पीड़िता ने जून 2021 में काउंसलिंग के दौरान एक मनोचिकित्सक को ये सारी बातें बताई। उसके बाद भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज किया गया। इतने गंभीर आरोपों के बावजूद ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता के पिता के गिरफ्तार होने के एक हफ्ते के अंदर जमानत दे दी थी। ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि आरोप काफी पुराने हैं और ये वैवाहिक विवाद है। ट्रायल कोर्ट ने कहा कि पीड़िता अब आरोपित पिता के साथ रहती भी नहीं है।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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