
लखनऊ,15 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक राज्य की भांति उत्तर प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृृषकों को अल्पकालीन फसली ऋण शून्य ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाय। इसके अलावा कृषि अल्पावधि ऋणों के लिए नाबार्ड द्वारा दिए जा रहे पुनर्वित की सीमा कुल ऋणों के 75 प्रतिशत तक बढ़ाई जाए ताकि पैक्स के माध्यम से आधार स्तरीय ऋण प्रवाह बढ़ाया जा सके। यह बातें सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरूण कुमार सिंह ने सोमवार को दारूलसफा स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि सहकार भारती उप्र. के बी-पैक्स प्रकोष्ठ का प्रदेश सम्मेलन 5 अक्टूबर 2025 को चौधरी चरण सिंह सभागार, सहकारिता भवन, विधानसभा मार्ग लखनऊ में आयोजित किया गया हैं।
अरूण सिंह ने कहा कि सहकार भारती आराजकीय संगठन है, इसके द्वारा सहकारी आंदोलन को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में सहकार भारती देश के 28 प्रदेश व 650 जिलों में तथा उत्तर प्रदेश के 75 जिलों 18 महानगरों मेंं गठित व कार्यरत है।
सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाकर 24 लाख नये सदस्यों को जोड़ने का अभियान चलाया गया है। बी-पैक्स जिन्हें उपर्युक्त नीति के अंतर्गत विकास इंजन के रूप में माना गया है, के कम्प्यूटरीकरण का कार्य भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बी-पैक्स में कर्मचारियों, सचिवों की कमी है, अधिकतर जनपदों में एक-एक सचिव के पास तीन से चार समितियों का चार्ज है जिससे बी-पैक्स का सुचारू संचालन प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा बी-पैक्स समितियों के कई वर्ष पूर्व निर्मिति भवन/गोदाम जर्जर स्थिति में हो गये हैं जिनमें बीज, उर्वरक आदि भण्डारित होती हैं। जिनके खराब होने की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
प्रदेश संगठन प्रमुख कर्मवीर सिंह ने कहा कि दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों को किसान दुग्ध उत्पादकों द्वारा आपूर्ति किये दुग्ध मूल्य का पराग द्वारा गठित दुग्ध समितियों में आवश्यक पूंजी के अभाव में समय से भुगतान न हो पाने से किसान की आय में वृृद्धि का एक स्रोत दुग्ध उत्पादन किसी न किसी रूप में प्रभावित होता है। जिसके कारण दुग्ध उत्पादक किसान पराग की दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति न करके निजी संस्थाओं को आपूर्ति करने के लिए बाध्य हो जाते हैं। इसलिए सहकार भारती का सुझाव है कि किसान उत्पादक समूह के गठन व कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा पूंजी प्रदत्त कर प्रोत्साहन की योजना की भांति दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को पांच से 10 लाख रुपये की पूंजी प्रदान किया जाय, जिससे किसानों को दुग्ध मूल्य भुगतान समय से हो सके और पराग संस्था को भी मजबूती मिले।
प्रेसवार्ता में सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता, प्रदेश महामंत्री अरविन्द दुबे, तथा प्रदेश उपाध्यक्ष डी. पी. पाठक व अन्य प्रदेश पदाधिकारीगण उपस्थिति रहे।—————
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
