Haryana

सिरसा: पोर्टल-पोर्टल का खेल बंद करे सरकार, परेशान हो रहे किसान: लखविंद्र सिंह

सिरसा में पत्रकारों से बातचीत करते किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख।

सिरसा, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारतीय किसान एकता (बीकेई) प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि पोर्टल-पोर्टल का खेल हरियाणा सरकार बंद करे। उनके उनके पास कई किसानों की शिकायत आई की उनकी फसल का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसी और ने करवा लिया है। ऐसा हर साल हो रहा है। शातिर व आपराधिक प्रवृत्ति के लोग राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से किसानों की फसल का पंजीकरण धोखे से अपने नाम करवा लेते हैं और किसान परेशान होते हैं।

लखविंद्र सिंह औलख मंगलवार को सिरसा पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गोरीवाला तहसील के गांव राजपुरा के लीलाधर पुत्र माहला राम, सरोज पत्नी प्रेम कुमार, निर्मल पुत्र करतार सिंह, कालूराम पुत्र काशी राम, बालमुकुंद जैसे कई किसानों ने जब अपनी फसल का पंजीकरण करना चाहा तो वह हैरान रह गए कि उसकी फसल का पंजीकरण पहले से ही किसी और ने दर्ज करवा रखा है, जिसका नाम साहिला पुत्र हसम और मोबाइल नंबर दर्ज है, जिसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा दी गई है, जब यह किसान अपनी शिकायत लेकर ओढ़ां थाना प्रबंधक के पास गए तो उन्होंने किसानों की कोई सुनवाई नहीं की। इतनी बड़ी धोखाधड़ी को उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि यह हमारा काम नहीं है, जिसके बाद किसानों ने उप कृषि निदेशक सिरसा को शिकायत भेजी है कि फर्जी पंजीकरण को रद्द किया जाए, ताकि किसान अपनी फसल का पंजीकरण करवा सकें।

ऐसा ही दूसरा मामला रानियां तहसील के गांव सादेवाला से सामने आया है, जिसमें नरेंद्र सिंह पुत्र बलवीर सिंह, बजीर सिंह पुत्र सुंदर सिंह, हनुमान पुत्र पूर्ण सिंह, गिरदावरी देवी पत्नी बृजलाल सहित कई किसानों की फसल का पंजीकरण एक धोखेबाज जिसका नाम सकुनत लिखा आ रहा है, उसने अपने नाम करवा लिया है। ऐसे हरियाणा में सैकड़ों मामले हर साल सामने आ रहे हैं, जिनका कोई स्थाई समाधान हरियाणा सरकार और प्रशासन नहीं कर पाया है। उन्होंने सरकार से अपील है कि सभी थाना प्रबंधकों को हिदायतें दी जाएं कि पीडि़त किसानों की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए और किसानों को इंसाफ दिलवाया जाए। औलख ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों को पोर्टल पोर्टल के खेल में उलझा रखा है। किसान खेत में काम करने की बजाय पोर्टल में ही उलझकर रह जाता है, किसान को पोर्टल के चक्कर से आजाद किया जाए। इस मौके पर बीकेई से गुरविंदर सिंह और अरविंदर सिंह मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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