
उरई, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । कदौरा क्षेत्र के रैला गाँव निवासी 55 वर्षीय किसान रामकरन ने कर्ज के बोझ और फसल बर्बाद होने से अवसाद में आकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने कच्चे मकान की छत में रस्सी का फंदा लगाकर जान दे दी।
बुधवार की सुबह जब मृतक की पत्नी प्रेम कुमारी उठीं, तो उन्होंने अपने पति का शव रस्सी से लटका हुआ देखा। इस दृश्य को देखते ही वह चीखने-चिल्लाने लगीं। उनकी आवाज सुनकर पास-पड़ोस और गाँव के लोग वहाँ एकत्रित हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि पूरा परिवार सदमे में है। ग्राम प्रधान और गाँव वालों के अनुसार, रामकरन के पास लगभग 15 बीघा जमीन थी। जिसमें से उन्होंने 11 बीघा में तिल की फसल बोई थी। हाल ही में यमुना नदी में आई बाढ़ ने उनकी यह पूरी फसल बर्बाद कर दी। इससे पहले से ही वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उन पर बैंक का किसान क्रेडिट कार्ड का तीन लाख पचास हजार रुपये का कर्ज था। साथ ही, उन पर ट्रैक्टर की ईएमआई का भी दबाव था। फसल बर्बाद होने के बाद कर्ज चुकाने की चिंता उन्हें अंदर ही अंदर खाए जा रहा था और वह काफी समय से अवसाद में थे।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची। थाना प्रभारी प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने जाँच-पड़ताल की और शव को फंदे से उतारा। शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, उपजिलाधिकारी मनोज कुमार ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि अगर किसान की मौत का कारण फसल का नष्ट होना पाया जाता है, तो इसकी जाँच करवाई जाएगी और परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
