Uttar Pradesh

कृषि की नवीनतम तकनीकों से लाभान्वित हुए किसान : डॉ. खलील खान

प्रशिक्षण कार्यक्रम में जानकारी देते मृदा वैज्ञानिक

कानपुर, 26 जून (Udaipur Kiran) । किसानों को ऊसर भूमि में धान की खेती, जलवायु परिवर्तन से निपटने, कटाई के बाद नुकसान कम करने और फसल के मूल्य में वृद्धि करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। यह बातें गुरूवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर पर निकरा परियोजना अंतर्गत सहतावनपूर्वा के किसानों के लिए एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन में मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने कही।

मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खान ने बताया कि प्रशिक्षण में किसानों को धान की उन किस्मों के बारे में जानकारी दी गई जो कानपुर की जलवायु के लिए उपयुक्त हैं। इसके अलावा, गुणवत्ता बीज उत्पादन और प्रभावी खेत योजना पर भी जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त धान में खरपतवार नियंत्रण,पानी और पोषक तत्व प्रबंधन, और एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। साथ ही मृदा परीक्षण प्रयोगशाला और फार्म मशीनरी बैंक के साथ-साथ कृषि तकनीकों के प्रदर्शन ने किसानों को नवीनतम तकनीकों और प्रथाओं से अवगत कराया।

पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को बदलते जलवायु में सफल होने के लिए आवश्यक दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि वे उचित उपज, आय और लाभ प्राप्त कर सकें। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल किसानों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि करेगा, बल्कि उन्हें अधिक उत्पादक और लाभदायक खेती करने में भी मदद करेगा।

इस अवसर पर उपेंद्र सिंह,शुभम यादव,गौरव शुक्ला एवं भगवान पाल सहित 35 से अधिक किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद

Most Popular

To Top