
हमीरपुर, 15 सितम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिला जेल में बंद विचाराधीन बंदी की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अनिल द्विवेदी (33) की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। घटना के बाद सोमवार को परिजनों और ग्रामीणों ने जेल के बाहर सड़क पर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अनिल द्विवेदी सदर कोतवाली क्षेत्र के सूरजपुर गांव निवासी थे। उनके खिलाफ दस साल पहले पड़ोसी ने मारपीट और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुकदमे में जारी वारंट के बाद पुलिस ने उन्हें 11 सितम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अचानक मौत की सूचना से परिजनों में आक्रोश फैल गया। मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी ने रोते हुए कहा कि मैंने उन्हें सही-सलामत जेल में छोड़ा था, लेकिन सूचना मिली कि मेरे पति अब नहीं रहे। मेरे पति को मार डाला गया है।
हंगामे की सूचना पर सदर विधायक मनोज प्रजापति मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का पैनल पोस्टमॉर्टम करेगा। यदि रिपोर्ट में मारपीट से मौत की पुष्टि होती है तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। पुलिस और विधायक के समझाने पर परिजनों ने जाम समाप्त किया। विधायक ने बताया कि डाँक्टरों के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए प्रशासन से बात की गई है। कहा कि परिजनों को इंसाफ मिलेगा। आरोप लगाए गए है कि जेल में यातनाएं दी गई है। जो जांच का विषय है।
जेल अधीक्षक मंजीव विश्वकर्मा का कहना है कि बीते रोज बंदी की अचानक तबियत खराब हो गई थी जिस पर तत्काल सदर अस्पताल भेजा गया था लेकिन रास्ते में मौत हो गई थी।
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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा
