Uttar Pradesh

वाराणसी में महिला सिपाही से दुष्कर्म मामले में फर्जी दरोगा की जमानत खारिज

फोटो प्रतीक

वाराणसी,21 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में तैनात एक महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म मामले में आरोपित फर्जी दरोगा को न्यायालय से राहत नहीं मिली। गुरूवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने बड़ौरा, उन्नाव निवासी आरोपित निखिल उर्फ निखिलेश त्रिवेदी उर्फ शानू की जमानत अर्जी मामले की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दी। अदालत में पीड़िता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव व मुकेश सिंह ने पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता सिपाही ने 16 नवंबर 2024 को चितईपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वह 29 अक्टूबर 2024 को श्री अन्नपूर्णा मंदिर में ड्यूटी पर तैनात थी। उसी दौरान एक व्यक्ति जिसका नाम निखिल उर्फ निखिलेश त्रिवेदी उर्फ शानू जो उपनिरीक्षक की वर्दी पहने हुए था। उसने मुझसे कहा कि वह पुलिस हेडक्वाटर (पीएचक्यू) लखनऊ में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात है। उसने पीड़िता का नंबर मांगा तो विभाग का होने के चलते उसने अपना मोबाइल नंबर उसे दे दिया। इसके बाद अगले दिन 30 अक्टूबर को उसने फोन किया और कुछ देर बातचीत की। बाद में 4 नवंबर 2024 को जब पीड़िता ड्यूटी समाप्त कर वापस घर जा रही थी, तभी निखिल उसे रामापुरा चौराहे पर मिला व जबरदस्ती पीछा करते हुए उसके रुम पर पहुंचा और जबरदस्ती मारपीट कर मुंह दबाकर शारीरिक संबंध बनाया। किसी तरह उसके चंगुल से छूटकर शोर मचाया तो पीड़िता की छोटी बहन मौके पर पहुंची तो वह वहां से यह कहते हुए भाग निकला कि उसकी छोटी बहन को अगवा कर लेगा। उसके बाद से ही वह लगातार मेरा पीछा कर रहा है और अश्लील वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी दे रहा है। उसके बारे में पीएचक्यू लखनऊ में पता करने पर उक्त नाम के किसी भी व्यक्ति के तैनात न होने की जानकारी मिली। जिसके बाद इस मामले में फर्जी दरोगा के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से पुलिस की वर्दी, बैच, बिल्ला इत्यादि सामान बरामद हुए थे।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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