रुद्रप्रयाग, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । बीएड की फर्जी डिग्री से जनता इंटर कॉलेज देवनगर में शिक्षक बने लक्ष्मण सिंह को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पांच वर्ष की जेल और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जनपद में बीएड की फर्जी डिग्री से शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले 26 शिक्षकों को अभी तक जेल की सजा हो चुकी है।
मंगलवार को जिला न्यायालय में सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक सैनी ने बीएड की फर्जी डिग्री से से नौकरी प्राप्त करने वाले आरोपी बर्खास्त शिक्षक लक्ष्मण सिंह को दोष पाते हुए सजा सुनाई। उन्होंने आरोपी को 5 वर्ष की जेल और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाते हुए न्यायिक अभिरक्षा में पुरसाड़ी जेल भेजने के आदेश दिये। मामले में राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अभियोजन अधिकारी प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि लक्ष्मण सिंह ने वर्ष 2003 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, उत्तर प्रदेश से बीएड की डिग्री प्राप्त की थी। इस डिग्री के आधार पर जनता इंटर कॉलेज देवनगर में बतौर सहायक शिक्षक की नौकरी प्राप्त की।
शिकायत पर विभाग ने एसआईटी जांच कराई तो शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई। साथ ही चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ में डिग्री का सत्यापन किया गया, तो पता चला कि शिक्षक का उल्लेखित वर्ष में न तो वहां कोई पंजीकरण था और न बीएड की डिग्री प्राप्त की गई। इस पर, विभाग ने पहले शिक्षक को निलंबित किया और बाद में बर्खास्त के साथ ही पुलिस में फर्जीवाड़े का मुकदमा भी दर्ज किया गया।
इधर, पुलिस विवेचना पूरी होने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से आरोपी शिक्षक को सजा सुनाई। अभियोजन अधिकारी ने बताया कि जनपद रुद्रप्रयाग में बीएड की फर्जी डिग्री से शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त करने वाले 26 शिक्षक-शिक्षिकाओं को अभी तक जेल की सजा सुनाई जा चुकी है।
(Udaipur Kiran) / दीप्ति
