
शिमला, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि मेलों के माध्यम से जहां लोक कला एवं संस्कृति का संरक्षण होता है, वहीं इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होती है। उन्होंने कहा कि ये मेले नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है और समाज में आपसी भाईचारे व सद्भाव को भी बढ़ावा देते हैं।
राज्यपाल वीरवार काे बिलासपुर जिले के जुखाला में आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय सायर मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेले और त्योहार प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का दर्पण हैं और इन्हें जीवन का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। उन्होंने महिला मंडलों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि यदि इन मंडलों को नियमित प्रोत्साहन दिया जाए तो वे बहुत कम खर्च में आकर्षक और उत्कृष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सकते हैं। इससे ग्रामीण संस्कृति को नया जीवन मिलेगा और हमारी परंपराएं सुरक्षित रहेंगी।
राज्यपाल ने कहा कि भले ही सायर मेला आकार में छोटा है, लेकिन इसमें आसपास के ग्रामीण बड़ी प्रसन्नता और उत्साह के साथ भाग लेते हैं। यहां लोग छोटी-बड़ी खरीददारी करते हैं जिससे दुकानदारों और स्थानीय व्यवसायियों को लाभ होता है। इस प्रकार ऐसे मेलों से स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प और पारंपरिक व्यंजनों की बिक्री बढ़ती है, जिससे ग्रामीणों के लिए आमदनी और स्वरोजगार के अवसर सृजित होते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मेले में कृषि, उद्यान, पशुपालन के साथ-साथ बैंकिंग सेक्टर के स्टॉल लगाने के भी निर्देश दिए ताकि ग्रामीणों को बैंकिंग की जानकारी के साथ-साथ प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी मिल सके।
शुक्ल ने उपायुक्त बिलासपुर को सायर मेला समिति के माध्यम से महिला मंडलों को एक लाख रुपए की राशि प्रदान करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने मेले के दौरान आयोजित विभिन्न खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। इससे पूर्व, उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
