
जयपुर, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर में चिकित्सकों की विशेषज्ञ टीम ने एक बार फिर जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर चिकित्सा जगत में अपनी श्रेष्ठता साबित की है। झुंझुनू निवासी 63 वर्षीय शिशुपाल सिंह शेखावत को कुछ दिनों पूर्व आपातकालीन स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया था।
मरीज को अचानक सीने में तेज दर्द, घबराहट एवं अत्यधिक पसीना आने पर नज़दीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उच्च स्तरीय सरकारी अस्पताल में उनकी कोरोनरी एंजियोग्राफी (सीएजी) की गई। जिसमें हार्ट अटैक के कारण हृदय की तीन बड़ी धमनियों में गंभीर ब्लॉकेज पाया गया। साथ ही यह भी स्पष्ट हुआ कि उनका हृदय सामान्य से कम कार्य कर रहा है। मरीज को रीवस्क्युलराइज़ेशन की सलाह दी गई।
इस बीच मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर में भर्ती के दौरान मरीज को पुनः सीने में दर्द, पेट में सूजन और लगातार उल्टियों की समस्या हुई। जांच में पता चला कि मरीज की पित्ताशय की थैली (गॉलब्लैडर) में तीव्र सूजन, गैंग्रीन और संक्रमण की गंभीर स्थिति विकसित हो गई है। यह स्थिति जानलेवा थी और तत्काल सर्जरी आवश्यक थी।
उच्च जोखिम को देखते हुए मणिपाल हॉस्पिटल के लैप्रोस्कोपिक एवं रोबोटिक सर्जन डॉ. प्रशांत गर्ग के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम गठित की गई। मरीज को स्थिर करने के बाद डॉ. गर्ग ने लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी (दूरबीन विधि से गॉलब्लैडर का ऑपरेशन) सफलतापूर्वक संपन्न की।
ऑपरेशन के उपरांत मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट पर आईसीयू में रखा गया। गहन चिकित्सा विशेषज्ञों की देखरेख में उनकी स्थिति में सुधार आया। इसके बाद हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु गुप्ता द्वारा पुनः कोरोनरी एंजियोग्राफी कर हार्ट की नस में स्टेंट डालने का (पीटीसीए) सफल ऑपरेशन किया गया।
फिलहाल मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अब उनकी स्थिति सामान्य है, वे आराम से चल-फिर रहे हैं, भोजन कर पा रहे हैं और अपनी दैनिक गतिविधियाँ करने में सक्षम हैं साथ ही मरीज को नियमित डॉक्टर की सलाह के निर्देश दिए।
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(Udaipur Kiran)
