
कानपुर, 01 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी जिलों का भ्रमण कर यह देखा जा रहा है कि समितियां क्या काम कर रही हैं? और सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरह से लोगों तक पहुँच रहा है या नहीं। अधिकारियों से अपेक्षा है कि योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो और समितिओं की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाए। साथ ही प्रदेश के सभी जिलों का दौरा करेंगे और समितियों की स्थिति की समीक्षा कर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
यह बातें सोमवार को उत्तर प्रदेश मत्स्यजीवी सहकारी संघ लिमिटेड के सभापति वीरु साहनी ने कही।
सर्किट हाउस सभागार में विभागीय अधिकारियों और समिति सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी जिलों का भ्रमण कर यह देखा जा रहा है कि समितियाँ क्या काम कर रही हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरह से लोगों तक पहुँच रहा है या नहीं। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो और समितिओं की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाए।
बैठक में खलासी लाइन समिति के सचिव गिरजा शंकर ने बताया कि जिले में कुल 16 समितियाँ कार्यरत हैं। यमुना नदी के कुछ खंडों में एक से अधिक समितियाँ गठित की गई हैं, जो नियमों के विपरीत है। इस पर सभापति ने संज्ञान लेते हुए निरस्तीकरण की बात कही।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना पर भी विस्तार से चर्चा हुई। सभापति ने बताया कि प्रधानमंत्री योजना के तहत महिलाओं को 60 प्रतिशत और पुरुषों को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। मुख्यमंत्री योजना के अंतर्गत जुलाई-अगस्त में खोले गए पोर्टल पर 13 आवेदन आए, जिनमें से 12 पात्र पाए गए।
सभा में विभागीय संसाधनों और कर्मचारियों की कमी पर भी चर्चा हुई। सभापति ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रमुख सचिव से वार्ता की जाएगी और समितियों को मज़बूत बनाने के लिए नई योजनाएँ शुरू की जाएँगी।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
