
धर्मशाला, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचारों और स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत के विकास में दिए गए योगदान को प्रदेश के हर बच्चे तक पहुंचाया जाएगा। यह बात हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ राजेश शर्मा ने कही। उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस की विचारधारा को शिक्षा के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका और उनके विचारों को खासतौर पर बच्चों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ राजेश ने कहा कि नेहरू की विचारधारा न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम का अहम हिस्सा रही, बल्कि आजादी के बाद भी देश के विकास में उनका योगदान अतुलनीय है। डॉ राजेश शर्मा ने कहा कि पंडित नेहरू एक ऐसी शख्सियत थे जिनकी सोच और विचारधारा ने न केवल देश की दिशा तय की, बल्कि हमें आजाद भारत में अपनी आवाज उठाने का अवसर भी दिया। आज के दौर में उनके विचारों को जानना और समझना बच्चों के लिए बेहद ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पंडित नेहरू पर आधारित किताब द विजनरी का प्रकाशन किया है, जिसे बाल दिवस के मौके पर लॉंच किया गया था। शिक्षा बोर्ड द्वारा द विजनरी किताब को हर स्कूली छात्र तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि पंडित नेहरू की विचारधारा का प्रभाव अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचे।
कांग्रेस की विचारधारा को शिक्षा के माध्यम से फैलाने का संकल्प
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता होने के नाते और अब शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर मेरा दायित्व है कि कांग्रेस की विचारधारा को शिक्षा के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जाए। डॉ राजेश ने यह भी बताया कि इस किताब के माध्यम से उनका उद्देश्य बच्चों को नेहरू के विजन और उनके योगदान से अवगत कराना है, ताकि वे आने वाले समय में एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक के रूप में समाज में योगदान दे सकें।
डॉ राजेश शर्मा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में शिक्षा बोर्ड में पारदर्शिता लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उनका मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया