RAJASTHAN

कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में बायोमेट्रिक जांच के बाद परीक्षा केंद्र में मिली एंट्री

राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में बायोमेट्रिक जांच परीक्षा केंद्र में मिली एंट्री

जयपुर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए। शनिवार दोपहर तीन बजे से परीक्षा शुरु हुई। दो दिन चलने वाली राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 5 लाख 24 हजार 740 उम्मीदवार रजिस्टर्ड है। इस भर्ती में कॉन्स्टेबल सामान्य,ड्राइवर,बैंड ,पुलिस दूरसंचार और तीन महिला बटालियन के पद शामिल है।

राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में सुरक्षा की दृष्टि से परीक्षा केंद्रों पर प्राइवेट कंपनियों के बाउंसर्स तैनात किए गए। वहीं परीक्षार्थियों की बायोमेट्रिक जांच करने के बाद उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया। इसी के साथ सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए गए। परीक्षा देने आई महिला अभ्यार्थियों के जेवर उतरवाने ने बाद उन्हे परीक्षा केंद्रों के अंदर भेजा गया। इसी के साथ अभ्यर्थियों के जूते-चप्पल उतरवा कर उनकी जांच की गई। शनिवार को पहले दिन लिखित परीक्षा दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक आयोजित हुई। 9 जिलों में 280 सेंटरों पर परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें करीब एक लाख 5 हजार अभ्यार्थी शामिल हुए।

पहले दिन 76 हजार 800 से अभ्यर्थी हुए शामिल

राजस्थान पुलिस की कांस्टेबल भर्ती-2025 के तहत पुलिस दूरसंचार कांस्टेबल आईटी व चालक पदों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन शनिवार को राज्य के 9 जिला मुख्यालयों पर सफलतापूर्वक किया गया। इस भर्ती में कुल 10 हजार पद विज्ञापित किए गए हैं, जिनमें से 1,469 पद दूरसंचार कांस्टेबल के लिए हैं।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड बिपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 1,05,846 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिनमें से 76,800 से अधिक अभ्यर्थी 280 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा में शामिल हुए। पुलिस विभाग ने परीक्षा में पारदर्शिता और शुचिता बनाए रखने के लिए कई सख्त कदम उठाए, ताकि किसी भी तरह की धांधली को रोका जा सके।

पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम

एडीजी पाण्डेय ने बताया कि परीक्षा की पवित्रता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसके लिए पुलिस विभाग ने निम्नलिखित प्रक्रियाएं अपनाईं।

सभी 280 परीक्षा केंद्रों को सीसीटीवी कैमरों से कवर किया गया था। पुलिस मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया, जहाँ आईटी प्रशिक्षित अधिकारी और कर्मचारी लाइव फुटेज की निगरानी कर रहे थे।

परीक्षा केंद्रों के प्रवेश द्वार पर अभ्यर्थियों की मैनुअल और हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर से सघन तलाशी ली गई। इसके अलावा, सभी अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन भी किया गया।

सभी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (जैसे मोबाइल, पेजर आदि) को निष्क्रिय करने के लिए जैमर लगाए गए थे। परीक्षा केंद्र के अंदर किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध था। परीक्षा सामग्री (प्रश्न पत्र, ओएमआर शीट) को अस्थाई ट्रेजरी रूम में सुरक्षित रखा गया था, जो सीसीटीवी की निगरानी में थे और हथियारबंद गार्डों द्वारा सुरक्षित थे। सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई।

पुलिस ने संगठित गिरोहों पर विशेष निगरानी रखी, जो स्मार्ट गैजेट्स (मोबाइल, ब्लूटूथ डिवाइस) का उपयोग करके नकल कराने की कोशिश कर सकते थे।

एडीजी पाण्डेय ने बताया कि इन सभी उपायों से यह सुनिश्चित किया गया कि परीक्षा पूरी तरह से निष्पक्ष और सुरक्षित माहौल में आयोजित हो सके।

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(Udaipur Kiran)

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