
नई दिल्ली, 06 अगस्त (Udaipur Kiran) । टेरर फंडिंग मामले के आरोपित और सांसद इंजीनियर रशीद ने उच्च न्यायालय में कहा है कि वो कस्टडी पैरोल के दौरान सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से भारी रकम मांगे जाने की वजह से संसद के आगामी सत्र में अपने लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं हैं। जस्टिस विवेक चौधरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान इंजीनियर रशीद के वकील एन. हरिहरन ने 25 मार्च के उच्च न्यायालय के उस आदेश में बदलाव करने की मांग की, जिसमें संसद के सत्र में हिस्सा लेने के लिए कस्टडी पैरोल के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए चार लाख रुपये जेल प्रशासन को देने की बात कही गई थी। इस पर अदालत ने कहा कि आम तौर पर कस्टडी पैरोल के लिए सुरक्षा का खर्चा याचिकाकर्ता को ही वहन करना होता है। तब हरिहरन ने कहा कि रोजाना के कस्टडी पैरोल के लिए पैसे वसूलना अन्याय होगा, क्योंकि याचिकाकर्ता एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि है। अगर वो पैसा नहीं देने की वजह से संसद सत्र में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, तो ये देश के लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन होगा।
अदालत ने 25 जुलाई को एनआईए को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान इंजीनियर रशीद के वकील एन. हरिहरन ने कहा था कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 29 जुलाई से 4 अगस्त तक संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए सुरक्षा के नाम पर 17 लाख रुपये देने को कहा है। इतनी बड़ी रकम लोगों का प्रतिनिधित्व करने की सजा हो गई है। उन्होंने कहा था कि इंजीनियर रशीद को पहले भी संसद सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मिली है, लेकिन वे काफी ज्यादा पैसा मांगने की वजह से सत्र में हिस्सा नहीं ले पाते हैं। इससे पहले 22 जुलाई को पटियाला हाउस कोर्ट ने रशीद को संसद के आगामी सत्र में हिस्सा लेने के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा करने की इजाजत दे दी थी। इंजीनियर रशीद ने 21 जुलाई से शुरु होने वाले संसद के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए कस्टडी पैरोल की मांग की थी।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
