
बिजली उपभोक्ता से अमर्यादित आचरण करने, कर्तव्यों व उत्तरदायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर हुई कार्रवाई
लखनऊ/बस्ती, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बस्ती के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह और मूडघाट बस्ती के उपभोक्ता भरत पांडे के मध्य विद्युत आपूर्ति को लेकर हुई बातचीत के ऑडियो के सोशल मीडिया पर वायरल हाेने का त्वरित संज्ञान लेकर बस्ती के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शम्भु कुमार ने बस्ती के अधीक्षण अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में अधीक्षण अभियंता पूर्वांचल के प्रबंध निदेशक कार्यालय, वाराणसी से संबंध रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि बस्ती के निलंबित अधीक्षण अभियंता से शनिवार काे फोन पर विद्युत आपूर्ति को लेकर उपभोक्ता एवं रिटायर अपर आयुक्त भारत पाण्डेय ने ेमूडघाट की लाइट करीब 10 घंटे कटौती की शिकायत की। इस शिकायत पर अधीक्षण अभियंता ने जवाब दिया कि लाइट मैं नहीं ठीक करा सकता। आपको 1912 हेल्प लाइन नंबर पर फोन करना चाहिए। उपभोक्ता ने जब अपना परिचय दिया ताे विद्युत विभाग के अधिकारी ने कहा कि मंत्री, सांसद सभी मेरे घर परिवार और रिश्तेदार हैं। विद्युत व्यवस्था बस्ती की खराब हो या पूरे प्रदेश की, केवल 1912 पर ही काल करें। इस मामले की शिकायत उपभाेक्ता ने ऊर्जामंत्री को ऑडियो भेजकर की। उपभोक्ता से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने, उपभोक्ता की शिकायत का निस्तारण न कराने तथा कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों में घोर लापरवाही बरतने के प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्तुति कीगई है।
ऊर्जा मंत्री ने विद्युत विभाग के सभी कार्मिकों को सख्त निर्देश दिए है कि उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से मर्यादित व्यवहार न करने, कार्यों के प्रति उदासीनता एवं किसी भी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपभोक्ताओं की समस्याओं का तत्काल समाधान न करने वाले कार्मिकों पर सख्त एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ‘उपभोक्ता देवो भव’ की नीति को सर्वोपरि रखते हुए कार्य कर रही है। सरकार की मंशा सभी उपभोक्ताओं को निर्धारित शेड्यूल के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण एवं अनवरत विद्युत आपूर्ति देना है, इसमें किसी भी प्रकार की बहानेबाजी अब नहीं चलेगी। पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष से लेकर निचले स्तर तक के कार्मिकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। अब लो वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग, शटडाउन व अनावश्यक बिजली कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विगत तीन वर्षों से विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कार्य कराए गए हैं लेकिन कुछ कार्मिकों की संवेदनहीनता और लापरवाही की बदौलत विद्युत विभाग के साथ प्रदेश सरकार की बदनामी हो रही है। प्रदेश के विकास व उपभोक्ताओं के हितों के दृष्टिगत अब यह सब स्वीकार नहीं होगा।
(Udaipur Kiran) / महेंद्र तिवारी
