
चित्तौड़गढ़, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । ऐतिहासिक चित्तौड़ दुर्ग के संरक्षण की बात कर एक उद्योग के खनन को लेकर सवाल उठाने वाले लोग अवैध अतिक्रमण एवं दुर्ग के निकट हो रही ब्लास्टिंग पर चुप्पी साधते दिखे। इतना ही नहीं मंच पर मौजूद भाजपा के नेता अपनी ही सरकार को घेरते दिखे और सरकार की और से न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट पर सवाल उठाते दिखे।
जानकारी के अनुसार पूर्व जिला प्रमुख भूपेंद्रसिंह बडोली, पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष व खनन व्यवसायी कानसिंह राठौड़ के साथ मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के संयुक्त मंत्री प्रोफेसर लोकेंद्रसिंह चुंडावत ने शनिवार को चित्तौड़गढ़ में प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें बताया कि विश्व धरोहर में शामिल होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर दुर्ग से 10 किलोमीटर हवाई परिधि में शामिल बिरला सीमेंट की खान में विस्फोटक से खनन पर रोक लगा दी थी। इसके विरुद्ध 2016 में तत्कालीन राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष पुनर्निरीक्षण याचिका लगाई, जिसमें कहा गया कि विस्फोटक खनन पर लगी 10 किलोमीटर हवाई परिधि को घटा कर पांच किलोमीटर किया जाए। साथ में एक उच्च स्तरीय खनन समिति की रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि विस्फोटक खनन से दुर्ग को कोई क्षति नहीं है। वार्ता में इन तीनों नेताओं ने कहा कि हमारी मांग है कि तत्कालीन समिति की रिपोर्ट गलत है और राज्य सरकार इस मामले में आगामी 15 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई के दौरान विशेष याचिका को वापस ले।
गौरतलब है कि बिरला सीमेंट के इसी खनन क्षेत्र को अवैध बताते हुए सांसद चंद्रप्रकाश जोशी की अध्यक्षता वाली लोकसभा की याचिका समिति ने भी गत दिनों आकर बिरला सीमेंट के खनन क्षेत्र का दौरा किया था।
दुर्ग पर लगातार बढ़ रहे हैं अतिक्रमण
मीडिया ने जब सवाल किया कि दुर्ग को नुकसान अवैध अतिक्रमण से भी हो रहा है। हाल ही के वर्षों में काफी अतिक्रमण हुए हैं, जिसके खिलाफ आवाज उठाने को कहा। लेकिन इस मुद्दे पर ना तो पूर्व जिला प्रमुख और ना खनन व्यवसाई स्पष्ट जवाब दे पाए। ऐतिहासिक धरोहर पर अतिक्रमण से होने वाले नुकसान पर कोई बात नहीं की गई। गौरतलब है कि लगातार ऐतिहासिक धरोहर पर होटल, रेस्टोरेंट, स्विमिंग पूल, हेंडीक्राफ्ट जैसे व्यवसायिक निर्माण किए जा रहे हैं। इनके निर्माण के लिए खुदाई भी भारी मशीनों का प्रयोग दुर्ग को नुकसान पहुंचा रहा है। इस संबंध में पहले तो अभिज्ञता जाहिर की। वहीं उसके बाद इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए ऐसा कह कर पल्ला झाड़ लिया।
आखिर किसे बोल गए जयचंद
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कानसिंह राठौड़ ने कहा कि चित्तौड़गढ़ जिले में संचालित बिरला सीमेंट इकाई के विरुद्ध लगी याचिका में खनन प्रतिबंधित क्षेत्र की परिधि 10 किलोमीटर निर्धारित की गई है। इसे कम करते हुए 5 किलोमीटर किए जाने को लेकर सुनवाई आगामी दिनों में न्यायालय में होनी है। इसे लेकर जयचंद इस प्रक्रिया में प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यह जयचंद कौन है इसे लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार को इसमें जवाब प्रस्तुत करना है और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिधि कम करने की अनुशंसा राजस्थान सरकार द्वारा की जा रही है। हालांकि पत्रकारों द्वारा विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री के जयचंद होने को लेकर सवाल पूछा गया लेकिन सिर्फ जयचंद शामिल होने की बात कहते हुए नाम का उल्लेख नहीं किया गया।
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(Udaipur Kiran) / अखिल
