
झाबुआ, 22 जून (Udaipur Kiran) । जिला कलेक्टर नेहा मीना के महत्वाकांक्षी मोटी आई अभियान की प्रदेश व्यापी ख्याति और जिले में इस अभियान की सफलता से अभिभूत जिला प्रशासन द्वारा जिले के थान्दला से उक्त अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी गई है। जिले में कुपोषण के स्तर को कम किए जाने के उद्देश्य से जिला कलेक्टर के नैतृत्व में चलाए गए मोटी आई अभियान के अंतर्गत पिछले एक वर्ष के दौरान 1718 बच्चो के पोषण स्तर मे आशातीत सुधार हुआ है। अभियान के तहत इस समयावधि में चलाई गई गतिविधियों के परिणामस्वरूप सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए, और जिले में कुपोषण के स्तर को कम किए जाने में बड़ी सफलता मिली।
गौरतलब है कि जिला कलेक्टर की पहल पर कुपोषण मुक्त झाबुआ के नारे के साथ जुलाई 2024 से मोटी आई कैम्पेन की शुरुआत की गई थी, जिसके अंतर्गत विभिन्न स्तर पर गतिविधियां आयोजित कर कुपोषण को कम किया गया। इस अभियान के तहत मुख्य रूप से अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन, मोटी आई का चयन कर प्रशिक्षण, स्वास्थ्य परीक्षण, पौष्टिक आहार का वितरण, बच्चों के लिए थर्ड मील का वितरण, कुपोषित बच्चों की मालिश, और निरन्तर मॉनिटरिंग की जाकर प्रत्येक बच्चों की प्रोफाईल कार्ड तैयार किया गया। उक्त सभी गतिविधियों के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए, और जिले में कुपोषण के स्तर को कम किए जाने में बड़ी सफलता मिली। मोटी आई अभियान के अंतर्गत पिछले एक वर्ष के दौरान 1718 बच्चो के पोषण स्तर मे आशातीत सुधार हुआ। जुलाई 2024 की स्थिति में 1613 अतिकम वजन के बच्चों एवं 337 बोर्डर लाईन पर इस तरह कुल 1950 बच्चो को लक्ष्य निर्धारित कर विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सुधार किया गया है। जिसमे एक तरफ जहां 1272 बच्चे सामान्य श्रेणी में परिवर्तित हुए, वहीं दूसरी तरफ 446 बच्चे मध्यम कम श्रेणी में परिवर्तित हुए, इस प्रकार 1718 बच्चो के पोषण स्तर मे सुधार हुआ है।
मोटी आई कैम्पेन के सकारात्मक परिणाम से उत्साहित जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशन में जिला मोटी आई कैम्पेन के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी गई है। अभियान के अंतर्गत माह अप्रैल और मई में कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन का कार्य किया गया। वर्तमान में प्रथम चरण के शेष 232 बच्चे सहित नवीन चिन्हांकित 390 बच्चे इस तरह कुल 622 बच्चो के लिए पुनः मोटी आई कैम्पन दो का प्रारंभ थान्दला विकासखण्ड से किया गया । इस अवसर पर कलेक्टर नेहा मीना की अध्यक्षता मे स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग के क्षेत्रीय अमले की संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाकर विभागीय अमले को मार्गदर्शन दिया गया।
जिला कलेक्टर नेहा मीना द्वारा रविवार को दी गई जानकारी अनुसार द्वितीय चरण में पहले चरण के शेष बच्चों और नवीन चिन्हांकित बच्चों के कुपोषण को समाप्त करने के लिए लक्षित रूप से कार्य किया जाएगा। जिला कलेक्टर के अनुसार अतिकुपोषित सैम एवं बॉर्डर लाइन मेम बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाया जाएगा। मोटी आई कैम्पेन दो के तहत प्रत्येक विकासखण्ड में क्रमबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जाकर मैदानी स्तर पर पुर्वानुसार गतिविधियां संचालित की जाएगी, जिसमें मुख्य रूप से प्रति शनिवार प्रत्येक बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण, आशा कार्यकर्ता और एएनएम के माध्यम से किया जाएगा। आंगनवाडी केन्द्र पर मोटी आई के माध्यम से चिन्हांकित बच्चो की मालिश की जाएगी, साथ ही समक्ष में पोषण आहार दिया जाकर अभिभावको को पोषण शिक्षा दी जाएगी। जिले में 6 एनआरसी संचालित है जिसकी बैड आक्युपेंसी संख्या 80 है। इसमें अतिकुपोषित बच्चो को एनआरसी मे भर्ती करवाया जाएगा साथ ही कुपोषण को कम करने हेतु आंगनवाडी केन्द्र पर कुपोषित बच्चों के अभिभावको के समक्ष टीएचआर से बने व्यंजनो का उपयोग करने की भी समझाईश दी जाएगी, परिणामस्वरूप जहां ऐसे बच्चों के अभिभावकों को पोषण संबंधी जानकारी मिलेगी, वहीं समाज मे जागरूकता भी बढ़ेगी।
कलेक्टर के अनुसार मई 2025 की स्थिति में परियोजनावार चिन्हांकित अतिकम वजन के बच्चे परियोजना झाबुआ में 121, मेघनगर में 101, पेटलावद में 143, रामा में 101, राणापुर में 90 और थांदला में 66 है। इसी के तहत लक्ष्य निर्धारित कर मोटी आई कैम्पेन दो का प्रारंभ किया गया है। आगामी सभी विकासखण्ड मे क्रमबद्ध रूप से प्रशिक्षण आयोजित किए जाकर कुपोषण कम करने हेतु जनपद क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा
