Uttar Pradesh

कंप्यूटर प्रशिक्षण में रोजगारोन्मुख डिजिटल कौशल का होगा विस्तार

मंत्री नरेन्द्र कश्यप

लखनऊ, 02 अगस्त (Udaipur Kiran) । योगी सरकार अब अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को आधुनिक डिजिटल दुनिया से जोड़ने जा रही है। योगी सरकार ने कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत अब एआई ड्रोन तकनीक और साइबर सुरक्षा जैसे रोजगारोन्मुखी व उन्नत पाठ्यक्रमों को शामिल करने की तैयारी में है। पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांग सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने इस दिशा में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

योगी सरकार का मानना है कि वैश्विक स्तर पर तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य में यदि युवाओं को नए जमाने के डिजिटल टूल्स से लैस किया जाए तो वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं और कृषि, सुरक्षा, प्रशासन, स्टार्टअप एवं शिक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में नवाचार का नेतृत्व कर सकते हैं। इससे न केवल सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के युवाओं का सशक्तीकरण होगा, बल्कि उन्हें मुख्यधारा में समाहित करने में भी मदद मिलेगी।

तकनीकी दक्षता से युवाओं को मिलेगा सीधा लाभमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि पारंपरिक कंप्यूटर कोर्स (जैसे O-लेवल और CCC) के साथ-साथ ऐसे कोर्स भी युवाओं को सिखाए जाएं जो उन्हें सीधे रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ सकें। इसी क्रम में विभाग अब प्रशिक्षण योजना की नियमावली में संशोधन कर रहा है ताकि इसमें आधुनिक तकनीकों को सम्मिलित किया जा सके। आगे इसी के अनुरूप प्रशिक्षण केंद्रों का चयन किया जाएगा, जहां AI, ड्रोन, साइबर सुरक्षा जैसे पाठ्यक्रम प्रभावी रूप से संचालित किए जा सकें। साथ ही, प्रशिक्षकों को भी नए सिरे से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे नवाचारों के अनुरूप युवाओं को मार्गदर्शन दे सकें।

पारदर्शी प्रक्रिया और मॉनिटरिंग पर विशेष जोर

योगी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक पात्र युवाओं को मिले। इसके लिए भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है। साथ ही योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए समयबद्ध मॉनिटरिंग और फीडबैक तंत्र को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।

बीते वर्ष 29,769 युवाओं को मिला प्रशिक्षण

वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 29,769 ओबीसी युवाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया गया, जिस पर सरकार ने 32.92 करोड़ रुपये खर्च किए। अब विभाग इस आंकड़े को और बेहतर करने के लिए अधिक उन्नत पाठ्यक्रमों के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। यह कदम योगी सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत तकनीकी दक्षता को ग्रामीण और सामाजिक रूप से पिछड़े युवाओं के बीच पहुंचाकर उन्हें रोजगार के नए अवसरों से जोड़ा जाए। आने वाले वर्षों में यह पहल प्रदेश के तकनीकी विकास और सामाजिक सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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