
जयपुर, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों ने लंबे समय से कैडर पुनर्गठन की मांग पूरी नहीं करने के विरोध में शुक्रवार से अनिश्चितकालीन समय तक सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है।
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रवक्ता योगेश महर्षि ने बताया कि कैडर पुनर्गठन को लेकर हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने दो साल पहले प्रस्ताव को पास कर राज्य सरकार को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया था। इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह कर्मचारियों के हितों के साथ कुठाराघात के साथ-साथ पूर्ण पीठ के आदेश की अवहेलना भी है। वहीं जिला न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नरेंद्र यादव ने कहा कि गुरुवार को सभी जिला अध्यक्षों की आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें तय किया गया कि शुक्रवार से सभी कर्मचारी अवकाश पर रहेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अन्य विभागों में कैडर पुनर्गठन कर दिया है, लेकिन हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ के निर्णय के बाद भी राज्य सरकार मनमानी कर रही है। बीते चार दिनों से प्रदेशाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में कैडर पुनर्गठन के आदेश नहीं मिलने तक प्रदेश की समस्त अधीनस्थ अदालतों में कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। इनमें अदालतों के साथ-साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सदस्य भी शामिल हैं। प्रदेश स्तर पर सामूहिक अवकाश का निर्णय होने का असर प्रदेश की न्यायपालिका पर पडेगा। बताया जा रहा है कि राजस्थान की अधीनस्थ न्यायपालिका में करीब 21 हजार से अधिक कर्मचारी है। इनके अवकाश पर जाने के चलते निचली अदालतों के ताले भी न्यायिक अधिकारियों को स्वयं ही खोलने पडेंगे।
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(Udaipur Kiran)
