
जम्मू, 8 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना ने सोमवार को बेह्रमगला में गुज्जर और बक्करवाल समुदायों के सदस्यों के साथ एक विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य समुदायों को वन अधिकार अधिनियम की प्रावधानों की जानकारी देना, डेरा माइग्रेशन की प्रक्रियाओं को सुगम बनाना और उनकी दैनिक कठिनाइयों के समाधान में सहयोग करना था। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी समझ को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया, जिससे दोनों समुदायों के बीच सौहार्द और सहयोग की भावना को और मजबूत किया जा सके। कुल 70 सदस्य— जिनमें 40 पुरुष और 30 बच्चे शामिल थे—इस आयोजन में उपस्थित रहे।
दूरदराज़ इलाकों में, जहाँ नागरिक प्रशासन की पहुंच सीमित है, वहाँ सेना द्वारा इस प्रकार की पहल को स्थानीय लोगों (आवाम) ने खूब सराहा। स्थानीय निवासियों का कहना था कि ऐसे कार्यक्रम न केवल कठिनाइयों के समाधान में मददगार होते हैं बल्कि सेना और जनता के बीच विश्वास का रिश्ता भी मजबूत करते हैं। सेना ने इस अवसर पर यह भी दोहराया कि उसका उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण में भी उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस संवाद ने क्षेत्र में सेना और स्थानीय समुदायों के बीच आपसी रिश्तों को और गहरा करने का संदेश दिया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
