Uttar Pradesh

प्रख्यात आध्यात्मिक चिंतक थे अशोक सिंघल : संत यमुनापुरी

श्रद्धेय अशोक सिंघल के जन्मोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संत यमुना पुरी जी महाराज का छाया चित्र

प्रयागराज,11 सितंबर (Udaipur Kiran) । आज आवश्यकता है वैदिक मंत्रों की प्रणाली को आधुनिक प्रणाली से जोड़ने की, वेदों की शिक्षा का प्रचलन आम समाज में हो इसका प्रयास हम सबको करना है,अशोक सिंघल प्रख्यात आध्यात्मिक चिंतक थे। यह बात गुरुवार को विश्व​ हिंदू परिषद प्रांत कार्यालय केसर भवन में परम श्रद्धेय अशोक सिंह के जन्मोत्सव कार्यक्रम में निर्वाणी अखाड़ा के प्रमुख संत यमुना पुरी ने कहा।

उन्होंने कहा कि आज के दिन पर हम सभी को वेदों के प्रचार—प्रसार का संकल्प लेना चाहिए। श्रद्धेय अशोक सिंघल वेदों में अपार श्रद्धा रखने वाले अपने निज निवास को वेद एवं संस्कृति के लिए समर्पित कर दिया।

विश्व हिन्दू परिषद प्रान्त कार्यालय में महर्षि भारद्वाज वेद विद्यालय में श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के नायक, सनातन संस्कृति के पुरोधा आध्यात्मिम जगत से जुड़े संगीतज्ञ सामवेद का अध्ययन करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक अनेक राष्ट्रीय, अंतरर्राष्ट्रीय संस्थाओं के मंत्री, महामंत्री अध्यक्ष वेदों के अपार श्रद्धा रखने वाले अपने निज निवास को वेद एवं संस्कृति कर देने वाले पमर श्रद्धेय अशोक सिंघल के जन्मोत्सव को वेद पूजन महोत्सव के रूप में मनाया गया। महोत्सव में चारों वेदों का पूजन चारों वेदों के मंत्रो का पारायण एवं वैदिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता दो युगांतर पांडे ने किया। प्रमुख रूप से सचिन चार्टर्ड अकाउंटेंट एनसी अग्रवाल, एसपी सिंह,कविंद्र प्रताप सिंह, काशी से पधारे श्रीनिवास, रविंद्र मोहन गोयल, सुरेश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, आचार्य सुनील शर्मा, आचार्य दीपक अवस्थी,गोपाल कृष्ण पांडा, अंकित पाठक,आचार्य विंध्यवासिनी, राकेश श्रीवास्तव,मनमोहन दास गुजराती,सुधीर गुप्ता सहित कई व्यक्ति उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल

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