कोलकाता, 04 सितंबर (Udaipur Kiran) । योग्य होने के बावजूद नौकरी से बर्खास्त किए गए बेरोजगार शिक्षकों के एक वर्ग ने गुरुवार काे पश्चिम बंगाल विधानसभा पहुंचकर राज्य सरकार और स्कूल सेवा आयोग से नई शिक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की। इन शिक्षकों का कहना है कि वे 7 और 14 सितंबर को होने वाली नई परीक्षाओं में हिस्सा नहीं लेंगे और सरकार को पहले से योग्य घोषित अभ्यर्थियों को बहाल करना चाहिए।
बेरोजगार योग्य शिक्षक मंच के संयोजक सुमन विश्वास ने कहा कि आयोग पहले ही दागी और अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची जारी कर चुका है। ऐसे में बाकी उम्मीदवारों को स्वतः ही योग्य माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “योग्य उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा देने के लिए बाध्य करना अन्यायपूर्ण है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह परीक्षा स्थगित कर योग्य अभ्यर्थियों की स्पष्ट सूची प्रकाशित करें।”
विश्वास ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपनी मांगें सौंपी गई हैं। उनका कहना था कि 2016 की परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों को नए उम्मीदवारों के साथ मिलाकर परीक्षा आयोजित करना गलत होगा।
कुछ दिन पहले मंच के सदस्यों ने विधानसभा तक मार्च का आह्वान किया था, हालांकि प्रशासन की अनुमति के बाद गुरुवार को केवल छह अभ्यर्थियों को ही कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत दी गई। इनमें विश्वास हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लेकर पहुंचे।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद हाल ही में राज्य के करीब 26 हजार शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरी चली गई थी। इसके बाद आयोग ने दागी और अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची जारी की थी, जिसके पश्चात योग्य उम्मीदवार अपने पुनर्नियोजन की मांग कर रहे हैं। ———————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
