Haryana

गुरुग्राम: रोजगार सृजन के लिए निर्णायक पहल साबित होगी ईएलआई योजना: राजीव रंजन

गुरुग्राम के जीआईए हॉउस में ईपीएफओ, श्रम विभाग, उद्योग विभाग और एचएसआइआइडीसी के सहयोग से आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में बोलते हरियाणा के श्रम, युवा सशक्तिकरण व उद्यमिता विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन।

-रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना एम्प्लॉयनेंट लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम के लिए किया जागरुक

गुरुग्राम, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा के श्रम, युवा सशक्तिकरण व उद्यमिता विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव) युवाओं के लिए रोजगार, उद्यमिता और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह बात उन्होंने सोमवार को जीआईए हॉउस में हरियाणा सरकार के युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विभाग द्वारा ईपीएफओ, श्रम विभाग, उद्योग विभाग और एचएसआइआइडीसी के सहयोग से आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में कही।

प्रधान सचिव राजीव रंजन ने उन्होंने कहा कि यह योजना देश में रोजगार अवसरों को बढ़ाने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल साबित होगी। इस योजना का उद्देश्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ नौकरियों का सृजन करना है, जिसके लिए सरकार ने 99,446 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है। यह योजना एक अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक प्रभावी रहेगी। योजना को दो प्रमुख भागों में बांटा गया है। इसमें भाग-ए के तहत पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना में ईपीएफओ में पंजीकृत नए कर्मचारियों को 15,000 रुपये तक की एक माह की मजदूरी दो किश्तों में दी जाएगी। पहली किश्त 6 माह की सेवा के बाद और दूसरी किश्त 12 माह की सेवा तथा वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद दी जाएगी। यह लाभ उन युवाओं को मिलेगा जिनकी मासिक आय 1 लाख रुपये तक है, और इसका फायदा लगभग 1.92 करोड़ नए कर्मचारियों को मिलेगा। इस अवसर पर गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष जे.एन. मंगला, मंडल रोजगार अधिकारी ऋतु हुड्डा, आरपीएफसी-1 प्रमोद सिंह तथा आरपीएफसी-2 मोहित कुमार सिंह, सहायक रोजगार अधिकारी ज्योति, जितेंद्र, तथा अधीक्षक अजय देव उपस्थित रहे।

राजीव रंजन ने बताया कि योजना में भाग-बी के तहत नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जिसमें प्रति कर्मचारी प्रति माह अधिकतम 3000 रुपए तक की प्रोत्साहन राशि नियोक्ताओं को दो वर्षों तक प्रदान की जाएगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए यह लाभ तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाया गया है। 50 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम 2, और 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम 5 नए कर्मचारी कम से कम छह माह तक बनाए रखने होंगे।

राजीव रंजन ने बताया कि कर्मचारियों को भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी ) के माध्यम से किया जाएगा, जबकि नियोक्ताओं को भुगतान उनके पैन-लिंक्ड बैंक खातों में भेजा जाएगा।उन्होंने कहा कि यह योजना देश के युवाओं को रोजगार देने के साथ-साथ उन्हें औपचारिक श्रमबल में शामिल कर सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का भी काम करेगी। प्रदेश सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करेगी।

(Udaipur Kiran)

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