शिमला, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड के कर्मचारी और पेंशनर अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सड़क पर उतरने जा रहे हैं। बिजली बोर्ड पेंशनर एसोसिएशन के आह्वान पर 7 अगस्त को राजधानी शिमला स्थित कुमार हाउस बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर विशाल धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली, लंबित भुगतानों का भुगतान और बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई है।
बिजली बोर्ड पेंशनर एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी देवेंद्र शर्मा ने सोमवार को कहा कि सरकार ने बोर्ड के लाभ का दावा किया है, लेकिन इसके बावजूद कर्मचारियों और पेंशनरों की जायज मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड में कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और यही कारण है कि बोर्ड की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।
देवेंद्र शर्मा ने कहा कि हाल ही में दावा किया गया कि बिजली बोर्ड ने 314 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, तो फिर कर्मचारियों और पेंशनरों का हक क्यों नहीं दिया जा रहा? उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी बोर्ड को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहे हैं, जिसका हर हाल में विरोध किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एक समय बोर्ड में 43 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत थे, जो अब घटकर सिर्फ 13 हजार रह गए हैं। इसके अलावा उन्होंने चार्जशीट किए गए कर्मचारियों, आउटसोर्स पर काम कर रहे 81 लोगों और खत्म की गई पोस्ट को भी दोबारा बहाल करने की मांग की है।
देवेंद्र शर्मा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की, तो आंदोलन और बड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
