धर्मशाला, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग (राष्ट्रपति) और निर्वासित तिब्बती संसद के 18वें कार्यकाल के लिए वर्ष 2026 में होने वाले आम चुनावों का आधिकारिक कार्यक्रम मंगलवार को घोषित कर दिया है। केंद्रीय निर्वाचन आयोग (सीईसी) ने मंगलवार को इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि यह चुनाव दो चरणों मे होंगे। प्रारंभिक चुनाव प्रक्रिया 1 फरवरी को जबकि अंतिम चरण का मतदान 26 अप्रैल 2026 को होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त लोबसांग येशी ने अतिरिक्त निर्वाचन आयुक्तों नांगसा छोडेन और सेरिंग यूडोन ने मंगलवार को संयुक्त पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की।
उन्होंने बताया कि तय कार्यक्रम के मुताबिक मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया 8 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 8 नवंबर 2025 तक चलेगी। ऐसे तिब्बती नागरिक जो 23 नवंबर 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेंगे, पंजीकरण के पात्र होंगे, बशर्ते उन्होंने 31 मार्च 2026 तक अपनी “ग्रीन बुक” की बकाया राशि का भुगतान कर दिया हो।
निर्वाचन आयोग ने चुनावी नारा घोषित किया मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार “आई एम तिब्बत, आई वोट फॉर तिब्बत” का नारा दिया गया है जिसका उद्देश्य निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों में एकता और नागरिक जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करना है। आयोग ने 17वीं निर्वासन तिब्बती संसद को भी धन्यवाद दिया, जिसने दोनों चुनावों को एक साथ कराने के लिए अपना कार्यकाल पहले ही समाप्त करने का निर्णय लिया।
निर्वाचन नियमों के अनुसार, सिक्योंग पद के अंतिम चरण में वही दो उम्मीदवार होंगे जिन्हें प्रारंभिक चरण में सर्वाधिक वोट प्राप्त होंगे। 18वीं संसद में 45 सदस्य होंगे जिनमें तिब्बत के तीन पारंपरिक प्रांतों, चार प्रमुख बौद्ध परंपराओं के अलावा अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में बसे तिब्बती समुदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए 14-सूत्रीय आचार संहिता के कड़ाई से पालन का आग्रह किया। चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों को प्रचार अभियान में दलाई लामा की छवि, तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज या सीटीए के प्रतीक चिह्न के उपयोग से प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही उन्हें विभाजनकारी भाषण, रिश्वतखोरी और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से भी बचने की चेतावनी दी गई है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारियों के प्रशिक्षण सत्र 16 नवंबर को आयोजित किए जाएंगे ताकि चुनाव प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाया जा सके।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
