Uttrakhand

गांवों के विकास के लिए ईमानदार जनप्रतिनिधियों का चुनाव जरूरी: सतपाल महाराज

सतपाल महाराज

देहरादून, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था हमारे देश की जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की नींव मजबूत है, इसलिए हमें गांवों को सशक्त और विकसित करने के लिए पंचायत चुनाव में गांव की सरकार बनाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।

पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गांव की सरकार के लिए ईमानदार और कर्मठ जनप्रतिनिधि का चुना जाना बेहद जरूरी है। पंचायत चुनाव के लिए हुए 63,812 उम्मीदवारों ने विभिन पदों के लिए अपने नामांकन किये हैं। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए 358 पद के सापेक्ष 1,907 नामांकन हुए हैं जबकि क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2,974 पद के लिए सापेक्ष 11,629 नामांकन पत्र दाखिल हुए इसी प्रकार ग्राम प्रधान के लिए 7,499 पदों के सापेक्ष 22,028 लोगों ने नामांकन किया है और सदस्य ग्राम पंचायत के 55,587 पदों के सापेक्ष 28,248 लोगों ने नामांकन किया। इससे स्पष्ट है कि हमारी ग्रामीण जनता अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति बेहद जागरूक है।

पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण और विकास कार्यों के प्रभावी अनुश्रवण के लिए पंचायती राज निदेशालय और जिला पंचायत अनुश्रवण प्रकोष्ठ जैसी संस्थाओं का गठन किया है। मार्च 2008 में पारित पंचायती अधिनियम के अनुसार, पंचायतों में महिलाओं के लिए आरक्षण को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है।

73वें संविधान संशोधन के तहत पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है, जिससे उन्हें अधिक शक्तियां और जिम्मेदारियां मिली हैं।महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में पंचायतों को 29 विषयों के हस्तांतरण की कार्रवाई गतिमान है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग उत्तराखंड ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में तीन महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं, जिसमें पंचायतों को पर्याप्त वित्तीय संसाधन प्रदान करना। पंचायतों को विभिन्न कार्यों और जिम्मेदारियों का हस्तांतरण करना। पंचायतों को आवश्यक मानव संसाधन और क्षमता निर्माण प्रदान करना।

(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल

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