
कोलकाता, 05 नवम्बर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा बूथ लेवल एजेंटों की नियुक्ति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे आगे निकल गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त ताजा आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने बीएलए–1 और बीएलए–2 दोनों श्रेणियों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों को पीछे छोड़ दिया है। बीएलए-1 विधानसभा वार एजेंटों की संख्या है जबकि बीएलए-2 बूथ वाइज एजेंटों की संख्या है।
आयोग की ओर से बुधवार की शाम जारी आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा द्वारा अब तक 339 बीएलए–1 और 35 हजार 651 बीएलए–2 नियुक्त किए गए हैं। वहीं, माकपा ने 196 बीएलए–1 और 27 हजार 392 बीएलए–2 फॉर्म जमा किए हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इस मामले में तीसरे स्थान पर है, जिसने 147 बीएलए–1 और 27 हजार 744 बीएलए–2 एजेंट नियुक्त किए हैं।
कांग्रेस की स्थिति चौथे स्थान पर दर्ज की गई है। पार्टी ने 190 बीएलए–1 और 6,822 बीएलए–2 फॉर्म जमा किए हैं। अन्य दलों में फॉरवर्ड ब्लॉक ने 77 बीएलए–1 और 1,091 बीएलए–2 फॉर्म भरे हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने केवल 60 बीएलए–1 फॉर्म भरे हैं और बीएलए–2 की संख्या शून्य है। आम आदमी पार्टी (आआपा) तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की ओर से अब तक बीएलए की कोई नियुक्ति नहीं की गई है।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बूथ लेवल एजेंट, बूथ लेवल अधिकारियों के साथ समन्वय कर मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया को सुचारु बनाते हैं। ऐसे में सभी बूथों पर पर्याप्त संख्या में एजेंटों की नियुक्ति बेहद आवश्यक है। आयोग ने सभी दलों को निर्देश दिए हैं कि एसआईआर के दौरान प्रत्येक बूथ पर कम से कम एक एजेंट भेजा जाए, ताकि मतदाता सूची को पारदर्शी तरीके से अंतिम रूप दिया जा सके।
ज्ञात हो कि, पश्चिम बंगाल में एसआईआर मार्च, 2026 तक जारी रहेगा। आयोग पहले ही बीएलओ और बीएलए की संख्या के बीच बड़े अंतर पर चिंता जता चुका है और राजनीतिक दलों को जिम्मेदारी निभाने की नसीहत दे चुका है। ——————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर