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राज्य सरकार के अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं चुनाव आयोग के अधिकारी : ममता बनर्जी

ममता

कोलकाता, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को चुनाव आयोग (ईसी) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग के अधिकारी राज्य सरकार के अफसरों को धमका रहे हैं और राजनीतिक प्रभाव में काम कर रहे हैं, जबकि विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा अभी नहीं हुई है।

राज्य सचिवालय ‘नवान्न’ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि चुनाव आयोग बंगाल सरकार के अधिकारियों को धमका रहा है, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि जब तक चुनाव की तिथियां घोषित नहीं हुईं, तब तक आयोग के अधिकारियों को राज्य सरकार के अफसरों को तलब करने का अधिकार कैसे है।

ममता ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि इसके नाम पर “लोकतंत्र से विश्वासघात” किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा एसआईआर के नाम पर आग से खेल रही है। वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ लोकतंत्र के साथ विश्वासघात के समान होगा।

मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया की देखरेख कर रहे एक अधिकारी खुद भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं और भ्रष्ट अफसरों की नियुक्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिकारी खुद भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा है। मेरे पास प्रमाण हैं कि वोट काटने की साजिश चल रही है। उम्मीद है कि वह देश और लोकतंत्र के साथ विश्वासघात नहीं करेगा।

ममता बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया का इस्तेमाल “एनआरसी जैसी कवायद” के रूप में किया जा रहा है। यह एसआईआर असल में एनआरसी जैसी प्रक्रिया है जिसे बंगाल में लागू करने की कोशिश हो रही है। निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा एसआईआर के नाम पर आग से खेल रही है। वे हर एजेंसी का इस्तेमाल राजनीति के लिए कर रहे हैं, न कि जनसेवा के लिए। शिक्षा से लेकर संस्कृति और त्योहारों तक सब कुछ साम्प्रदायिक बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के उस कथन पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि एसआईआर के बाद 1.5 करोड़ मतदाताओं को हटाया जाएगा। बनर्जी ने कहा, “कैसे कोई केंद्रीय मंत्री कह सकता है कि 1.5 करोड़ वोटर डिलीट कर दिए जाएंगे? क्या ये फैसले पार्टी दफ्तर में हो रहे हैं? चुनाव आयोग को तय करना चाहिए कि वह निष्पक्ष है या नहीं।”

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी ने “आग से खेलना” बंद नहीं किया तो यह आग उसे राजनीतिक रूप से घेर लेगी।————————-

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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