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अमेरिका से निर्वासित आठ लोग दक्षिण सूडान की निगरानी में, सिर्फ एक है सूडानी नागरिक

जुबा, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । युद्धग्रस्त दक्षिण सूडान सरकार ने पुष्टि की है कि अमेरिका से विवादास्पद रूप से निर्वासित आठ लोगों को उसकी निगरानी में रखा गया है। हैरानी की बात यह है कि इन आठ में से सिर्फ एक व्यक्ति ही दक्षिण सूडान का नागरिक है, जबकि शेष में म्यांमार, क्यूबा, वियतनाम, लाओस और मैक्सिको के नागरिक शामिल हैं।

दक्षिण सूडान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये सभी फिलहाल जुबा में संबंधित अधिकारियों की देखरेख में हैं, जहां उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है और उनकी सुरक्षा व स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह कदम अमेरिका के अनुरोध पर सावधानीपूर्वक और विचारपूर्ण निर्णय के तहत उठाया गया है।

बयान में आगे कहा गया, “यह फैसला मानवीय सहयोग और परस्पर हितों की प्रतिबद्धता के रूप में लिया गया है।” हालांकि इस कदम को लेकर देश के भीतर और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता जताई जा रही है।

प्रख्यात नागरिक कार्यकर्ता एडमंड याकानी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “दक्षिण सूडान अपराधियों के लिए डंपिंग ग्राउंड नहीं है।”

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त 11 स्वतंत्र विशेषज्ञों ने भी इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून स्पष्ट रूप से कहता है कि किसी व्यक्ति को ऐसे स्थान पर नहीं भेजा जा सकता, जहां उसके जीवन, स्वतंत्रता या शारीरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा हो।

दक्षिण सूडान की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता अपुक अयुएल मायेन ने बताया कि जुबा अपने नागरिकों की जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वे किसी भी परिस्थिति में लौटे हों। साथ ही उन्होंने उन लोगों के लिए भी प्रतिबद्धता जताई जिनका दक्षिण सूडान से मान्यता प्राप्त संबंध है।

उल्लेखनीय है कि ये निर्वासित व्यक्ति लोग मई महीने में अमेरिका से रवाना हुए थे, लेकिन अमेरिकी जिला अदालत द्वारा तीसरे देश में निर्वासन पर अस्थायी रोक लगाए जाने के कारण उनकी उड़ान जबूति में रोक दी गई थी। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में अमेरिका की सर्वोच्च अदालत ने उस रोक को हटा दिया, जिसके बाद ये लोग 5 जून को अमेरिकी मरीन बलों की निगरानी में दक्षिण सूडान पहुंचे।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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